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स्कुल छोड़ने वाले बच्चों के लिए शुरू हुआ व्यावसायिक पाठ्यक्रम-स्किल हब एनिशियेटिव

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अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नए वर्ष के पहले दिन दो नए अभियान शुरू हुए। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने इन दोनों अभियानों का शुभारंभ किया।

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जिला मुख्यालय अम्बिकापुर के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम से दोनों मंत्रियों ने वर्चुअल कार्यक्रम से जुड़ कर बच्चों के पठन और गणितीय कौशल विकास के लिए सौ दिवसीय अभियान, शाला त्यागी बच्चों के लिए व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम-स्किल हब एनिशियेटिव कार्यक्रम की शुरूआत की।

राजधानी के मायाराम सुरजन शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा नरेन्द्र दुग्गा सहित संबंधित स्कूल के प्राचार्य, शिक्षक और अभिभावक के साथ ही वर्चुअल रूप से सभी जिलों के शिक्षक, विद्यार्थी और उनके अभिभावक शामिल हुए।

व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम-स्किल हब एनिशियेटिव

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने सभी को नववर्ष की बधाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा बच्चों के लिए वर्तमान समय को ध्यान में रख आवश्यकता के अनुरूप दूरदर्शिता के साथ इन दोनों योजनाओं को शुरू करने का निर्णय लिया है। कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई और उनके मानसिक विकास पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा। निःसंदेह राज्य सरकार और शिक्षकों के प्रयास से बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो पाई।

स्कूल बंद रहने के कारण बच्चों के सीखने में कमी को दूर करने के लिए सरकार ने स्कूल खोलने का निर्णय लिया। स्कूल शिक्षा विभाग ने सौ दिनों का पठन, गणितीय कौशल विकास कार्यक्रम शुरू कर बहुत बड़ी कमी को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाया है। इसका लाभ आने वाली पीढ़ी को मिलेगा। बच्चों का बौद्धिक स्तर और अधिक बेहतर होगा। दूसरी योजना स्कूल छोड़ चुके बच्चों के लिए समसामायिक रोजगारपरक शिक्षा और कौशल उन्नयन से युवाओं का भविष्य सुधरेगा।

लर्निंग लॉस को कम करने अभियान

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने दोनों योजनाओं के शुभारंभ की घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना के कारण स्कूल बंद रहने से बच्चों के लर्निंग लॉस को कम करने के लिए राज्य व्यापी सौ दिनों का पठन एवं गणितीय कौशल विकास कार्यक्रम आज से शुरू किया जा रहा है। इस सौ दिवसीय कार्यक्रम को तीन स्तरों के लिए तैयार किया गया है।

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पहला स्तर आंगनबाड़ी से कक्षा दूसरी तक के बच्चे, दूसरे स्तर में कक्षा तीसरी से पांचवी तक और तीसरे स्तर में कक्षा छठवीं से आठवीं तक के बच्चों को शामिल किया गया है। यह कार्यक्रम 14 सप्ताहों में विभाजित है। प्रत्येक सप्ताह के लिए भाषा और गणित में अलग-अलग थीम साझा की जाएगी। इस थीम को बहुत अच्छे से कक्षा के सभी बच्चों में पूरे सप्ताह अभ्यास करवाते हुए उन्हें अनिवार्यतः दक्ष बनाये जाने के लिए सभी आवश्यक प्रयास शिक्षकों द्वारा किए जायेंगे। कक्षा के भीतर और बाहर समुदाय के सहयोग से सप्ताह के लिए निर्धारित सामग्री का अभ्यास कराया जाएगा।