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यूनिफाइड कमांड की बैठक में बोले CM, नक्सल विरोधी अभियान में लाएं तेजी

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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज स्टेट यूनिफाईड कमाण्ड की बैठक हुई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता एवं गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की उपस्थिति में हुई बैठक में राज्य में नक्सल मोर्चे पर प्रगति समेत जनसुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई।

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इस दौरान यह बात सामने आयी कि छत्तीसगढ़ राज्य में ‘विश्वास-विकास-सुरक्षा’ की त्रिवेणी रणनीति के फलस्वरूप नक्सल गतिविधियों में निरन्तर कमी आ रही है।

छत्तीसगढ़ पुलिस और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों द्वारा बेहतर तालमेल के साथ नक्सलियों के विरूद्ध सफलतापूर्वक चलाये जा रहे संयुक्त अभियान से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों के विरूद्ध चलाये जा रहे सघन अभियान के साथ-साथ विकास कार्यों में भी तेजी लायी जा रही है, इससे आम जनता का शासन व प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है।

बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, सुब्रत साहू अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (गृह), केन्द्रीय गृह मंत्रालय तथा राज्य शासन के अधिकारी, केन्द्रीय सुरक्षाबलों एवं राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी तथा विभिन्न विकास एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

बस्तर में बिछ रहा सड़कों का जाल

नक्सलियों के कोर क्षेत्रों में सुरक्षा कैम्पों की स्थापना के फलस्वरूप आज दक्षिण बस्तर के दूरस्त क्षेत्रों जैसे जगरगुण्डा, किस्टाराम, भेजी, पामेड़, बासागुड़ा, तर्रेम में बेहतर सड़कें, पुल-पुलियों का जाल, स्कूल, बिजली, पीडीएस, मोबाईल आदि की सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं।

नारायणपुर, कोण्डागांव, बस्तर एवं दंतेवाड़ा जिलों को जोड़ने वाली बरसों से बंद स्टेट हाइवे क्रमांक-05 पल्ली (नारायणपुर)-बारसूर (दंतेवाड़ा) मार्ग पुनः प्रारंभ किया गया है। इसी प्रकार धुर नक्सली क्षेत्र जिला-सुकमा के जगरगुण्डा को जिला-दंतेवाड़ा से जोड़ा गया है।

जवानों के कल्याण संबंधी चर्चा

बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे अधोसंरचना संबंधित कार्यों को सुरक्षा के साथ निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये गये। बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय ग्रामीणों को विश्वास में लेकर नक्सलवाद के विरूद्ध अभियान चलाने के निर्देश दिये गये। साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात राज्य और केन्द्रीय सुरक्षाबलों के जवानों के कल्याण संबंधी चर्चा की गई।

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बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य के सीमावर्ती राज्यों विशेषतः महाराष्ट्र, तेलंगाना, आन्ध्रप्रदेश और उड़ीसा के उन मार्गों पर सुरक्षाबलों द्वारा सतत् निगरानी के निर्देश दिये गये, जहां से नक्सलियों का आवागमन होता है और सीमावर्ती राज्यों के साथ सूचनाओं को साझा किये जाने पर भी जोर दिया गया।