दिल्ली। भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर विवाद जारी है। इस बीच भारतीय सेना के आक्रामक रुख ने ड्रैगन को हिला दिया है। सूत्रों के मुताबिक पिछले महीने भी एक ऐसा मामला आया था जब चीनी सेनाएं तुन-जुन ला पास को पार कर भारतीय इलाके में पेट्रोलिंग करते हुए 4 से 5 किलोमीटर तक अंदर आ पहुंची थीं। तुन-जुन ला LAC माना जाता है। इस बार ट्रांसग्रेशन पहले के मुकाबले अलग थी। इस बार चीनी सैनिकों की संख्या 100 के करीब थी जोकि इससे पहले 20 से 25 ही हुआ करती थी।
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पेट्रोलिंग बनाने की ये प्रमुख वजह
चीन की इतनी बड़ी संख्या में पेट्रोलिंग (LAC) करने के पीछे की सबसे बड़ी वजह ये है कि 17 महीने पहले पूर्वी लद्दाख में चीन के दुस्साहस का जवाब भारतीय सेना ने जिस आक्रामकता से दिया उससे उसकी सेना में खौफ भर गया है। चीन को लगता है कि अगर फिर से कोई संघर्ष जैसी स्थिति पैदा हुई तो उसकी 20 से 25 की छोटी संख्या वाले पेट्रोलिंग पार्टी को ज्यादा खतरा है क्योंकि भारतीय सेना ने पूरी एलएसी के तीनों सेक्टर में सेना की तैनाती जबरदस्त की हुई है।
चीन की पोस्ट एलएसी से 30 से 35 किलोमीटर दूर
सेंट्रल सेक्टर (LAC) के बाराहोती की बात करें तो तुनजु ला पास से सेना और आईटीबीपी की रिमखिम पोस्ट महज आठ किलोमीटर दूर है। भारतीय सेना की नजर पूरे एलएसी पर रहती है। वहीं इसी इलाके में चीन की पोस्ट एलएसी से 30 से 35 किलोमीटर दूर है। ऐसे में अगर विवाद संघर्ष में बदलता है तो उसे रीइनफोर्समेंट जल्दी से मिलना मुश्किल है। हांलाकि, चीन ने तुनजु ला पास तक रोड तैयार की हुई है लेकिन तुरंत चीनी सेना का पहुंचना संभव नहीं होगा और उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है।