spot_img

लोन फ्रॉड केस में वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन धूत गिरफ्तार

HomeNATIONALलोन फ्रॉड केस में वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन धूत गिरफ्तार

दिल्ली। आइसीआइसीआइ-वीडियोकॉन लोन (loan) धोखाधड़ी मामले में सीबीआइ ने वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें तीन दिनों की सीबीआइ हिरासत में भेजा गया है। इस मामले में यह तीसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले सीबीआइ आइसीआइसीआइ बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार कर चुकी है। ईडी ने तीनों के खिलाफ फरवरी 2019 में केस फाइल किया था।

भैयाजी यह भी देखे: जनवरी में आ सकती है सर्वे टीम, निकायों को गाइडलाइन के अनुसार तैयारी पर जोर

चंदा पर मार्च 2018 में अपने पति को आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए पद के दुरुपयोग का आरोप लगा था। वीडियोकॉन ग्रुप के मालिक वेणुगोपाल धूत ने चंदा के पति दीपक कोचर व उनके दो संबंधियों (loan)  के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई थी। इसमें दोनों के बीच 3250 करोड़ रुपए की ‘स्वीट डील’ हुई थी। आरोप है कि 3250 करोड़ रुपए का लोन दिलाने में चंदा कोचर ने मदद की थी। सीबीआइ ने कोचर दंपती व धूत के अलावा दीपक कोचर के संचालन वाली नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड पर भी कार्रवाई की है। इन्हें भारतीय दंड संहिता की धाराओं व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के तहत दर्ज एफआइआर में आरोपी बनाया गया है।

ये है आरोप

सीबीआइ का आरोप है कि आइसीआइसीआइ बैंक (loan)  ने वेणुगोपाल धूत की ओर से प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआइ के दिशा-निर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपए की ऋण सुविधाएं मंजूर की थी।

लोन मंजूरी के बदले 64 करोड़ का निवेश

एफआइआर के मुताबिक ऋण की मंजूरी (loan)  के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपए का निवेश किया। इसके अलावा 2010 से 2012 के बीच हेर-फेर कर पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसइपीएल स्थानांतरित की। पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट तथा एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के पास था।