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CM की जमानत पर SC की दो टूक, जो सही था वही फैसला दिया गया

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दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले में मिली अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 16 मई को स्थिति स्पष्ट की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का आदेश कोई ‘अपवाद’ नहीं है। जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की सदस्यता वाली पीठ ने कहा कि हमने किसी के लिए कोई अपवाद नहीं बनाया है। वही आदेश सुनाया जाे हमें उचित लगा।

10 मई को केजरीवाल को मिली थी अंतरिम जमानत
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी सप्ताह के अंत में सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में अंतरिम जमानत दे दी थी। कोर्ट ने इससे पहले अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की थी। इस दौरान कोर्ट केजरीवाल जमानत के लिए की गई अपील पर सुनवाई के लिए भी राजी हो गया था। इसी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जजों ने कहा था कि चुनाव लोकतंत्र की जीवन शक्ति है। केजरीवाल एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रमुख है। उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है। वे समाज के लिए खतरा भी नहीं है। ऐसे में उन्हें जमानत दी जा रही है।

ईडी ने किया था केजरीवाल की जमानत का विरोध
बता दें कि इस मामले में ईडी की ओर से केजरीवाल की जमानत का विरोध किया गया था। जांच एजेंसी ने कोर्ट से कहा था कि चुनाव प्रचार किसी का संवैधानिक या कानूनी अधिकार नहीं है। केजरीवाल को सिर्फ चुनाव प्रचार के लिए जमानत नहीं दी जानी चाहिए। एजेंसी ने दलील दी थी कि चुनाव प्रचार करना किसी भी राजनेता का काम है। ऐसे में अगर चुनाव प्रचार के लिए जमानत दी जाती है, तो छोटे व्यापारी और किसान भी अपने काम को करने के लिए कोर्ट से जमानत मांगेगे। इससे एक गलत मिसान कायम होगी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की इन दलीलों को खारिज कर दिया था।

राजनीतिक टिप्पणियों पर कोर्ट का कुछ भी कहने से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत से जुड़े आदेश पर हो रही राजनीतिक टिप्पणियों के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। बता दें कि बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह ने एनएआई से इंटरव्यू के दौरान कहा था वह नहीं मानते कि यह एक रूटीन जजमेंट हैं। साथ ही यह भी कहा था कि देश में कई लोग मानते हैं कि इस मामले में केजरीवाल को स्पेशल ट्रीटमेंट दिया गया है। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बिना नाम लिए अदालत के सामने इस बात का जिक्र किया। इस पर कोर्ट ने कहा कि वह ऐसी टिप्पणियों पर ध्यान नहीं देगी।

केजरीवाल की टिप्पणी को भी किया दरकिनार
इसके साथ ही ईडी के वकील ने कोर्ट में कहा कि अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अगर देश में INDI गठबंधन की सरकार बनती है तो उन्हें वापस जेल नहीं जाना होगा। ईडी ने कहा कि यह आदेश कोर्ट के आदेश की अवमानना है। जजों ने कहा कि इसे अवमानना नहीं माना जा सकता, यह केजरीवाल का अनुमान भर है। जजों ने कहा कि हमारा ऑर्डर बेहद स्पष्ट है। हमने अपने आदेश में बताया है कि केजरीवाल को कब सरेंडर करना है। यह सुप्रीम कोर्ट का आदेश है और इसे केजरीवाल को मानना होगा