रायपुर। छत्तीसगढ़ के चित्रसेन साहू ने यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस पर पहुंचकर रिकार्ड बनाया है। ऐसा करने वाले भारत के इकलौते डबल अम्पुटी माउंटेनियर (दोनों पैर कृत्रिम) बन गए है।
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चित्रसेन ने माउंट एलब्रूस में फ़तेह पाने के बाद देश का तिरंगा लहराकर मिशन इंक्लूसन और प्लास्टिक फ्री का संदेश दिया। चित्रसेन ने ये कारनामा 23 अगस्त को मास्को के समय के मुताबिक सुबह 10:54 बजे माउंट एलब्रुस एक शिखर पर पहुंचकर देश का तिरंगा लहराया। इस चढ़ाई के साथ ही चित्रसेन ने कई रिकार्ड बनाए।
चित्रसेन ने इस क्लाइम्बिंग के साथ ही तीन महाद्वीप के उच्च शिखर पर पहुंचने का रिकार्ड बनाया। साथ ही डबल अम्पुटी पर्वतारोही (दोनों पैर कृत्रिम) में चित्रसेन भारत के एक मात्र ऐसे व्यक्ति है जिन्होंने यहाँ चढ़ाई की है। रुस में स्थित है माउंट एलब्रुस पर्वत जिसकी ऊंचाई 5642 मीटर (18510 फीट) है, जिसे चित्रसेन ने दोनों कृत्रिम पैरों से नापा है।
हाफ ह्यूमन रोबो के नाम से मशहूर
गौरतलब है कि बालोद जिले के रहने वाले चित्रसेन साहू छत्तीसगढ़ के ब्लेड रनर, “हाफ ह्यूमन रोबो” के नाम से मशहूर है। चित्रसेन साहू “मिशन इंक्लूसन अपने पैरों पर खड़े हैं” के तहत यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी एलब्रुस का फतह करने में सफलता पाई है।
छत्तीसगढ़ की अमेरिका स्थित एनआरआइ संस्था नाचा ने इस पर्वतारोहण अभियान में चित्रसेन का सहयोग किया। सात समुंदर पार अमेरिका के इस संस्था ने चित्रसेन साहू के उपलब्धि को पूरे देश के लिए गौरव भरा पल बताया साथ ही चित्रसेन को आगामी अभियान के बधाइयां दी।
माउंट किलिमंजारो और कोजीअस्को कर चुके है फतह
इससे पहले चित्रसेन साहू ने माउंट किलिमंजारो और माउंट कोजीअस्को फतह कर नेशनल रिकार्ड कायम किया था। माउंट किलिमंजारो अफ्रीका महाद्वीप और माउंट कोजिअसको आस्ट्रेलिया महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वत है।
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चित्रसेन ने यह उपलब्धि हासिल करने वाले देश के पहले डबल एंप्यूटी है। चित्रसेन साहू ने बताया कि दोनों पैर कृत्रिम होने की वजह से पर्वतारोहण में बहुत कठिनाइयां आती है और यह अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती है, जिसे उन्होंने स्वीकार किया है।