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विधानसभा में बारदाना पर बवाल, कौशिक ने टेकाम से कहा- सत्य स्वीकारा…धन्यवाद !

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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में धान खरीदी के लिए बारदाना पर आज संग्राम मचा रहा। प्रश्नकाल में विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर तीखे तेवर दिखाए।
दरअसल विपक्ष ने बारदाना खरीदी के लिए केंद्र से मिली राशि से जुड़ा एक सवाल उठाया।

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प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सदन के भीतर यह सवाल किया कि “क्या धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार बारदाना उपलब्ध कराती है ? केंद्र सरकार ने बारदाना खरीदी के लिए कितनी राशि राज्य सरकार को उपलब्ध कराई है ?”

जवाब में सुबे के सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि “केंद्र सरकार बारदाना उपलब्ध नहीं कराती।”

जैसे ही मंत्री ने अपना जवाब सदन के समक्ष रखा, वैसे ही सदन के भीतर आरोप-प्रत्यारोपों की झड़ी लग गई। धरमलाल कौशिक ने कहा कि “सत्य यही है कि केंद्र सरकार खरीदी के लिए बोरे नहीं देता, यह सच होने के बाद भी प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के खिलाफ भ्रम फैलाती रही है। मैं मंत्री जी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने सत्य स्वीकारा है।”

कौशिक ने यह भी कहा कि “राज्य सरकार केंद्र को बदनाम करने के लिए ढिंढोरा पीट रही थी कि केंद्र बारदाना नहीं दे रही। यहां तक की प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, आज सच्चाई सदन में और जनता के सामने है कि केंद्र सरकार का काम बारदाना उपलब्ध कराने का नहीं है।

बारदाना कितने दिए कितने की थी जरुरत-कौशिक

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने फिर सदन के भीतर सवाल पूछा कि केंद्र ने कितना बारदाना दिया ? राज्य सरकार को कितने बार देने की जरूरत थी ? मंत्री साय ने जवाब दिया कि साढ़े तीन लाख गठान बारदाना की जरूरत बताई गई थी। जुलाई में 1 लाख 45 हज़ार गठान बारदाना के लिए पैसे जमा किए गए थे। केंद्र ने 1 लाख 43 हज़ार गठान बारदाना की स्वीकृति दी, लेकिन 1 लाख 9 हज़ार की ही सप्लाई हुई।

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मंत्री ने कहा कि शुरूआती चर्चा के दौरान करीब साढे चार लाख गठान बारदाना की जरूरत केंद्र को पहले बताई गई थी। शार्ट सप्लाई के लिए जूटमिल में लॉकडाउन की वजह से ठप पड़े कामकाज को भी जिम्मेदार बताया गया।