दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानून (Agricultural law) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसानों ने दिल्ली और उसके आस-पास के बार्डर में डेरा जमाया है। प्रदर्शनकारी किसानों को सरकार की ओर से बातीचीत का प्रस्ताव दिया जा रहा है, लेकिन किसान इस बात-चीत में किसी भी तरह की शर्त स्वीकार नहीं करना चाहते है। किसान पांचवे दिन भी अपनी मांग पर अड़े हुए है। किसान-पुलिस के बीच संघर्ष जारी है।
Agricultural law पर राहुल गांधी ने सरकार को घेरा
किसानों के मुद्दे पर ट्वीट करके राहुल गांधी (Agricultural law) ने केंद्र सरकार को घेरा है। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, कि मोदी सरकार ने किसानों पर अत्याचार किया। पहले काला कानून लाए, फिर डंडा चलाया। वो भूल गए है, कि जब किसान आवाज उठाता है, तो पूरा देश गूंजता है।
मोदी सरकार ने किसान पर अत्याचार किए- पहले काले क़ानून फिर चलाए डंडे लेकिन वो भूल गए कि जब किसान आवाज़ उठाता है तो उसकी आवाज़ पूरे देश में गूंजती है।
किसान भाई-बहनों के साथ हो रहे शोषण के ख़िलाफ़ आप भी #SpeakUpForFarmers campaign के माध्यम से जुड़िए। pic.twitter.com/tJ8bry6QWi
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 30, 2020
प्रदर्शनकारी स्थल पर किसान कर रहे नाश्ता
सोमवार को पांचवे दिन राशन और बर्तन लेकर पहुंचे किसानों ने प्रदर्शनकारी (Agricultural law) स्थल में ही नाश्ता बनाया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन जारी रखा है। दिल्ली पुलिस ने टिकरी और सिंधु बार्डर पर किसी भी तरह के ट्रैफिक मूवमेंट की इजाजत नहीं दी है। ठंड में भी किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
Farmers stay put at Singhu border (Delhi-Haryana border) as their protest against the Central Government's Farm laws continues. pic.twitter.com/XKUHQs3hDO
— ANI (@ANI) November 30, 2020
मायावती ने भी दिया समर्थन
आपको बता दे कि बहुजन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मायावती ने रविवार को किसानो को समर्थन दिया है। उन्होंने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा कृषि (AGRICULTURE BILL) से सम्बन्धित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित और आन्दोलित भी हैं। इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार अगर पुर्नविचार कर ले तो बेहतर।
केन्द्र सरकार द्वारा कृषि से सम्बन्धित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित व आन्दोलित भी हैं। इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार अगर पुनर्विचार कर ले तो बेहतर।
— Mayawati (@Mayawati) November 29, 2020