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केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने ED से पूछा सवाल, जवाब के लिए दो दिन का समय

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दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता की गिरफ्तारी के बारे में जवाब मांगा। कोर्ट ने ईडी से कहा कि गिरफ्तारी को  लेकर केजरीवाल के वकील को जवाब सौंपे।  दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह सवाल किया।

किसी की भी आजादी बेहद अहम: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना की सदस्यता वाली बेंच ने ईडी के वकील एएसजी एसवी राजू से कहा कि जवाब दें कि केजरीवाल को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले क्यों गिरफ्तार किया गया। अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने कहा कि आजादी बहुत महत्वपूर्ण है, आप इससे इनकार नहीं कर सकते। आखिरी सवाल गिरफ्तारी के समय के संबंध में है, जिसे उन्होंने (अरविंद केजरीवाल के वकील) बताया है, गिरफ्तारी का समय आम चुनाव से ठीक पहले क्यों है।

अदालत ने 3 मई तक ईडी से मांगा जवाब

अदालत ने एजेंसी को शुक्रवार 3 मई को दोपहर तक जवाब के साथ तैयार होकर आने को कहा है। इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखा था। ईडी ने कोर्ट से बताया था कि  एजेंसी के पास केजरीवाल को गिरफ्तार करने के अलावा  कोई दूसरा विकल्प नहीं था क्योंकि केजरीवाल जांच में शामिल नहीं हो रहे थे। साथ ही केजरीवाल पर जानबूझ कर मामले की जांच में देर करने का आरोप भी लगाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से पांच सवाल पूछे:

  1. क्या विजय मदनलाल चौधरी मामले या ऐसे ही अन्य मामलों में दिए गए बयानों के आधार पर बिना किसी पूर्व न्यायिक कार्यवाही के कानूनी कार्रवाई की जा सकती है? (न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि केजरीवाल के मामले में अब तक कोई संपत्ति जब्त नहीं की गई है। यदि ऐसी कोई कार्रवाई की गई है, तो ईडी को उनके सहयोग की प्रकृति स्पष्ट करनी चाहिए।)
  2. मनीष सिसौदिया मामले में फैसले के दो भाग हैं- एक उनके पक्ष में और दूसरा उनके खिलाफ। केजरीवाल का मामला किस पहलू से मेल खाता है? इसके बारे में ईडी कोर्ट को इत्तला करे।
  3. जमानत के लिए आवेदन करने के बजाय गिरफ्तारी और रिमांड के केजरीवाल के विरोध को देखते हुए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 19 की व्याख्या कैसे की जानी चाहिए? यदि बाद वाला रास्ता अपनाया जाता है, तो क्या उसे पीएमएलए की धारा 45 के तहत अधिक गंभीर प्रावधानों का सामना करना पड़ेगा?
  4. मामले में कार्यवाही शुरू होने और कुछ समय बाद बार-बार शिकायत दर्ज करने के बीच का समय अंतराल। (यह नोट किया गया कि इस असमानता के महत्वपूर्ण परिणाम हो सकते हैं, यह देखते हुए कि धारा 8 न्यायिक प्रक्रिया के लिए 365 दिनों की अधिकतम समय सीमा अनिवार्य करती है।)
  5. आखिरी सवाल गिरफ्तारी की टाइमिंग को लेकर पूछा गया है।कोर्ट ने कहा कि ईडी को इस बात का जवाब देना चाहिए कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले क्यों गिरफ्तार किया गया। इसकी वजह क्या रही। केजरीवाल के वकील को इस सवाल का जवाब सौंपे।

‘एमएसआर को  बयान बदलने के लिए मजबूर किया गया’

मंगलवार को अरविंद केजरीवाल की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। सिंघवी ने कहा कि सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी (एमएसआर) को उनके बेटे राघव को जमानत देने के बदले दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ बयान देने के लिए मजबूर किया गया था। अपने बेटे के लगातार जेल में रहने से एमएसआर टूट गए थे। यही वजह रही कि एमएसआर ने अरविंद केजरीवाल को फंसाने के लिए बयान दे दिया। सिंघवी ने दावा किया कि एमएसआर अपने पहले के बयान से पलट गए। इसके एक दिन बाद ही राघव को जमानत दे दी गई।

AAP नेताओं पर 100 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का है आरोप

सिंघवी ने अदालत बो बताया कि अरविंद केजरीवाल के सहयोगी विजय नायर पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था। नायर को नवंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था।वहीं, केजरीवाल को मार्च 2024 में गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया, इस बारे में ईडी की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।  बता दें कि ईडी ने आम आदमी पार्टी के  नेताओं पर दिल्ली शराब नीति से राजनेताओं और साउथ ग्रुप के व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए 100 करोड़ रुपए की रिश्वत ली।

राघव ने शुरू में कोई आरोप नहीं लगाया: केजरीवाल के वकील

सिंघवी ने कोर्ट से बताया कि राघव नायर ने शुरू में कोई आरोप नहीं लगाया था। राघव की पत्नी ने खुदकुशी की कोशिश की। इसके बाद राघव ने अंतरिम जमानत देने की मांग की। हालांकि स्पेशल कोर्ट के जज ने राघव की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद फिर राघव की नानी गिरने के कारण चोटिल हो गई। उसकी नानी को आईसीयू में एडमिट कराना पड़ा, जिसके बाद राघव को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। हालांकि, इसके बाद ईडी ने राघव नायर की जमानत को चुनाैती दी। हालांकि राघव के पिता के बयान के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उनकी जमानत पर आपत्ति करने से इनकार कर दिया।

नायर की गिरफ्तारी के दो साल बाद अरेस्ट किए गए केजरीवाल

सोमवार को केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि एजेंसी के समन की अनदेखी करना केजरीवाल की गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता। केजरीवाल के वकील ने कहा कि एजेंसी के पास केजरीवाल की आजादी छीनने के लिए जरूरी मैटेरियल नहीं है। ईडी की गिरफ्तार करने की शक्ति गिरफ्तार करने की बाध्यता नहीं है। विश्वास करने का एक कारण होना चाहिए, कुछ नई सामग्री या लिंक होना चाहिए जो केजरीवाल को सीधे तौर पर या आशंकत तौर पर इस घोटाले से जोड़ता हो। ईडी ने आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया। मार्च 2024 तक केजरीवाल न तो इस मामले में आरोपी थे और न ही संदिग्ध।