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मरकाम का तंज़ : मोदी के पास नहीं है जवाब, ढेबर बोले-अडानी से कब होगी पूछताछ

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रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, महापौर एजाज ढेबर ने राजीव भवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। राजीव भवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस अधिवेशन को बाधित करने के लिये केन्द्र की मोदी सरकार ने अनेको हथकंडे अपनाये।

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हमारे नेताओं के यहां ईडी के छापे मारे हमारे नेताओं को अधिवेशन में आने से रोका गया था। हमारे अधिवेशन की तैयारी में जुटे नेताओं को टारगेट किया गया, ताकि अधिवेशन असफल हो। यही नहीं अधिवेशन में काम करने वाले कारोबारी के यहां भी ईडी वाले गये उनके लाखों कोशिशों के बावजूद कांग्रेस का अधिवेशन ग्रैंड सफल रहा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार का चरित्र इतना आलोकतांत्रिक है कि वह विपक्ष का अधिवेशन बर्दाश्त नहीं कर पा रही। कांग्रेस के अधिवेशन में उठाये गये सवालों का भाजपा के पास मोदी के पास कोई जवाब नहीं है। अडानी के घोटाले का मोदी के पास कोई जवाब नहीं। उन्हें बीमार सोनिया गांधी पर छाता लगाये जाने पर आपत्ति है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को अमित शाह धकियाते है तो मोदी की बोलती बंद रहती है।

महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि विगत लगभग 8 माह से छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को बदनाम करने मात्र के उद्देश्य से केन्द्र सरकार व राज्य की भाजपा के ईशारे पर ई.डी. द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में 2020 से 2022 के बीच 600 करोड़ के कोयला घोटाला होने की काल्पनिक कहानी बनायी गयी है। ई.डी. की कहानी में कथित “कोल स्कैम“ का सूत्रधार सूर्यकांत तिवारी को बताया गया है तथा छल-कपट- बलपूर्वक यह सिद्ध करने का षड्यंत्र किया जा रहा है।

ई.डी. की कहानी में सच्चाई होती तो उनके अधिकारियों को थर्ड ग्रेड हथकन्डे नहीं अपनाने पड़ते। ई.डी. अधिकारियों के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद भी अभी तक फर्जी कहानियों को प्रमाणित नहीं किया जा सका है। इसी हताशा में ई.डी. द्वारा अब कांग्रेस के नेताओं को टार्गेट कर उनके विरूद्ध झूठे प्रकरण बनाये जा रहे हैं।

महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य की जनता यह जानती है कि सूर्यकांत तिवारी के डॉ. रमन सिंह और राज्य भाजपा के प्रमुख नेताओं से घनिष्ट संबंध रहें है और उन्ही के शासन में सूर्यकांत तिवारी ने कोयला व्यापार शुरू किया। सूर्यकांत तिवारी एवं जोगेन्दर द्वारा वर्ष 2010 से अडानी समूह के कोल व्यापार से संबंध होकर उनके लिये कोल व्यापार आरंभ किया।

महापौर ढेबर ने कहा कि विगत 3-4 वर्षों में अडानी समूह की भागीदारी में लगभग 100 मैट्रिक टन कोयले का परिवहन सूर्यकांत एवं जोगेन्दर द्वारा किया गया। इससे सूर्यकांत तिवारी, जोगेन्दर एवं अडानी समूह को 100-100 करोड़ का लाभ हुआ, अडानी समूह को उनके लाभ के हिस्से की पूरी राशि सूर्यकांत तथा जोगेन्दर द्वारा हवाले के माध्यम से भेजी गयी है।

सूर्यकांत तिवारी एवं जोगेन्दर द्वारा अपने निकट मित्रों एवं संबंधियों को उक्त जानकारी स्वयं ही दी थी। उन दोनों ने यह भी बताया था कि आयकर अधिकारियों द्वारा जून 2022 में उनके घरों से जब्त मोबाईल में अडानी को करोड़ों की राशि अवैध रूप से हवाला के माध्यम से भेजे जाने के सारे प्रमाण मौजूद हैं।

महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि अडानी समूह को हवाला के माध्यम से करोड़ो की राशि के पूरे प्रमाणित दस्तावेज आयकर अधिकारियों द्वारा निश्चित रूप से ई.डी. के अधिकारियों को दिये गये होंगे, क्योंकि ईडी को पूरा केस आयकर छापों में जब्त दस्तावेजों एवं बयानों के आधार पर किया गया है। यह अत्यंत ही आश्चर्य की बात है कि ई.डी. अथवा आयकर अधिकारियों द्वारा अडानी समूह के संचालकों के विरूद्ध अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।

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महापौर ने कहा कि अडानी समूह के बड़े पदाधिकारी अमन सिंह एवं उनके आका डॉ. रमन सिंह के ईशारे पर ये गंभीर षडयंत्र ई.डी. के अधिकारियों द्वारा किया गया है। यह जगजाहिर है कि वर्ष 2003 तक डॉ. रमन सिंह मध्यवर्गीय परिवार से तथा उनके पास कुछ पैतृक संपत्ति के अतिरिक्त अन्य कोई संपत्ति नहीं थी । परन्तु 2018 के विधानसभा चुनाव के लिये डॉ. रमन सिंह द्वारा दाखिल शपथ पत्र में उनकी संपत्ति वर्ष 2008 में 1.04 करोड़ तथा 10 वर्ष बाद अर्थात 2018 में 10.72 करोड़ रूपये होना दर्शाया गया है। रमन सिंह बताये उन्होंने क्या व्यवसाय किया था जो इतनी संपत्ति बढ़ गयी।