मुंबई। शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न पर चुनाव आयोग के फैसले के बाद से उद्धव ठाकरे और उनके करीबी नेताओं में छटपटाहट है। ताजा खबर यह है कि सामना के संपादक और राज्यसभा सदस्य संजय राउत (SANJAY RAUT) ने बड़ा आरोप लगाया है। संजय राउत का कहना है कि शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह हासिल करने के लिए अब तक 2000 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं। बकौल राउत, मैं इस मामले में और खुलासा सकूंगा। जनता तय करेगी कि किसकी जीत हुई और कौन हारा।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट जाएंगे उद्धव ठाकरे
इस बीच, उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट (SANJAY RAUT) में चुनौती देने का मन बना लिया है। खबर है कि सोमवार को उद्धव ठाकरे की ओर से याचिका दायर की जाएगी। उद्धव और उनके समर्थकों का कहना है कि चुनाव आयोग के आदेश में ‘तथ्यात्मक’ गलतियां हुई हैं, जिन्हें चुनौती दी जाएगी। उद्धव ठाकरे के गुट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि शिवसेना के संविधान में संशोधन अलोकतांत्रिक है, जो कि गलत है।
उन्होंने दावा किया कि जुलाई 2022 को एकनाथ शिंदे की बैठक में चुनाव आयोग द्वारा उसी संविधान को स्वीकार किया गया था। चुनाव आयोग का आदेश असंगत है और चूंकि शिंदे समूह संगठनात्मक पक्ष में कमजोर था, इसलिए चुनाव निकाय ने जानबूझकर पार्टी के संविधान को अलोकतांत्रिक बताया है और इसे बहुमत के आधार पर तय करने के लिए अलग रखा है।
सुप्रिया सुले ने उद्धव को दी सलाह, नई शुरुआत करें
इससे पहले एकनाथ शिदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दिए जाने के चुनाव आयोग (SANJAY RAUT) के फैसले को आश्चर्यजनक बताते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता सुप्रिया सुले ने उद्धव ठाकरे को नई शुरुआत करने की सलाह दी। इससे पहले सुप्रिया के पिता राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को चुनाव आयोग का फैसला मानने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था, नए चुनाव चिह्न को स्वीकार कीजिए। सुप्रिया ने कहा, आपको नई शुरुआत करनी होगी। इन चुनौतियों का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि यह फैसला बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।