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अंडमान-निकोबार के 21 द्वीप परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से जाने जाएंगे

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दिल्ली। केंद्र शासित प्रदेश अंडमान-निकोबार के 21 अनाम द्वीप अब देश के सबसे बड़े युद्धकालीन पुरस्कार परमवीर चक्र (PARAMVEER CHAKR) से सम्मानित बहादुरों के नाम से जाने जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर मनाए जाने वाले पराक्रम दिवस के मौके होने वाले समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इन द्वीपों का नामकरण करेंगे। जिन द्वीपों का नामकरण परमवीरों के नाम से किया जा रहा है, उनमें 16 उत्तर और मध्य अंडमान व पांच दक्षिण अंडमान में हैं।

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मोदी इस अवसर पर नेताजी को समर्पित नेशनल मेमोरियल के मॉडल (PARAMVEER CHAKR) का अनावरण भी करेंगे। यह स्मारक नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनाया जा रहा है। मोदी ने साल 2018 में अंडमान-निकोबार यात्रा के दौरान वहां के रोस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाषचंद्र बोस द्वीप किया था। सबसे बड़े अनाम द्वीप आइएनएएन-370 का नामकरण पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा के नाम पर किया जा रहा है।

शैतानसिंह और पीरूसिंह द्वीप भी

जिन द्वीपों का नामकरण परमवीरों (PARAMVEER CHAKR) के नाम से हो रहा है उनमें राजस्थान के जोधपुर जिले के मेजर शैतानसिंह व झुंझुनूं के मेजर पीरूसिंह शेखावत भी है। सेना की 13 कुमाऊं के मेजर शैतानसिंह को 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान चुशूल सेक्टर में महज 120 सैनिकों के साथ दो हजार से अधिक चीनी सैनिकों को खदेड़ने की बहादुरी दिखाने पर मरणोपरांत परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। इसी तरह 6 राजपूताना राइफल्स के हवलदार मेजर पीरू सिंह शेखावत ने 1948 में जम्मू और कश्मीर के तिथवाल सेक्टर में पाकिस्तानी हमले के दौरान दुश्मन की दो चौकियों पर कब्जा करने का अदम्य साहस दिखाकर प्राणोत्सर्ग किया था। इसके लिए 1952 में उन्हें परमवीर चक्र प्रदान किया गया।