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फर्जी जाति प्रमाण पत्र के बूते नौकरी करने वालों को अभयदान!

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बिलासपुर। सामान्य प्रशासन विभाग ने छानबीन समिति के प्रतिवेदन (BILASPUR NEWS) के बाद 5 सितंबर 2020 को 267 अधिकारी और कर्मचारियों की सूची जारी करते हुए उन्हें पद से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया था। इस सूची में जिले के करीब 100 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे।

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2 साल बीतने के बाद भी अब तक एक भी कर्मचारी को सेवा से अलग नहीं किया गया है। सरकारी सेवाओं में नौकरी लगने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र का उपयोग करने और कई वर्षों से नौकरी करने की लगातार शिकायतें मिलने पर राज्य शासन ने प्रदेश के सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के जाति प्रमाण (BILASPUR NEWS)  पत्रों की जांच कराई थी। छानबीन समिति ने प्रदेश के संदेह के दायरे में शामिल अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा नौकरी के दौरान प्रस्तुत किए गए जाति प्रमाण पत्रों की जांच की थी, जिसमें प्रदेश भर से करीब 267 अधिकारी और कर्मचारियों के जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे। सामान्य प्रशासन विभाग ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के बूते नौकरी करने वालों को सेवा से पृथक करने के लिए विभाग प्रमुखों को सूची भेजी थी।

2 साल बीते, 1 के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं

मजे की बात तो यह है कि सामान्य प्रशासन विभाग (BILASPUR NEWS)  से जारी आदेश को 2 साल से अधिक बीत चुके हैड्ड, लेकिन जिले में फर्जी जाति प्रमाण के बूते नौकरी कर रहे अधिकारी और कर्मचारियों में से 1 के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं हुई है। इन अधिकारी और कर्मचारियों में चतुर्थ वर्ग से लेकर प्रथम वर्ग के अधिकारी तक शामिल हैं।

जानकारी लेकर ही कुछ बता पाउंगा

मामले में बिलासपुर के एडीएम आरए कुरूवंशी ने बताया, कि जिले में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के बूते नौकरी करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों की जानकारी नहीं है। जानकारी लेकर ही कुछ बता पाउंगा।