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नगर निगम में सफाई घोटाले का खेल, विपक्ष ने जांच की मांग करी

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रायपुर। रायपुर शहर (RAIPUR NAGAR NIGAM) की साफ-सफाई करने प्रत्येक जोन में 15 सफाई ठेकेदार कार्यरत है। इनमें से अधिकांश ठेकेदार मंत्री, विधायक, जनप्रतिनिधियों के नात-रिश्तेदार या फिर परिचित है। वार्डों में साफ-सफाई का बुरा हाल है। आधे से भी कम सफाई कामगारों को वार्ड में भेजकर ठेकेदार सफाई का काम करवाते है, लेकिन सौ फीसद कामगारों की उपस्थिति बताकर पूरा बिल पास करने के लिए निगम के स्वास्थ्य अधिकारियों पर दबाव बनाते है।

तबादले पर खुला मामला

पिछले कुछ दिनों के भीतर जांच में ठेकेदारों की पोल पट्टी खुली और लाखों का सफाई घोटाला (RAIPUR NAGAR NIGAM)  भी सामने आया। जांच और जुर्माना लगाने से नाराज दो ठेकेदारों ने स्वास्थ्य अधिकारी विजय पांडेय का तबादला अंबिकापुर करवा दिया। ये ठेकेदार एक मंत्री के करीबी बताये जा रहे है। इस तबादले को लेकर निगम के अधिकारी-जनप्रतिनिधियों के बीच चर्चा होने लगी है।

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विपक्ष ने खोला मोर्चा

इधर रायपुर नगर निगम (RAIPUR NAGAR NIGAM)  में चल रहे सफाई घोटाले के खेल पर तत्काल रोक लगाने विपक्ष के पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया है। पूरे मामले की जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। भाजपा पार्षद दल के प्रवक्ता मृत्युजंय दुबे ने नगर निगम के निष्ठा एप में अनुपस्थित कर्मचारियों को उपस्थित बताकर बिल भुगतान करने पर सवाल उठाया है। दुबे ने आयुक्त प्रभात मलिक को शिकायत पत्र सौंपकर सफाई घोटाले की जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने के साथ ही फर्जी बिलों के भुगतान पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।

निगम को हो रहा आर्थिक नुकसान

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी निष्ठा एप में प्रतिदिन दर्ज उपस्थिति के अनुसार भुगतान करना चाहते है और अनुपस्थित सफाई कर्मचारियों का वेतन कटौती करना चाहते है, लेकिन दूसरी ओर ठेका एजेंसी निगम के कुछ उच्च अधिकारियों और महापौर परिषद के कुछ सदस्य अनुपस्थित सफाई कामगारों का शत-प्रतिशत भुगतान कराने के लिए दबाव बना रहे है। यदि निष्ठा एप को नजर अंदाज कर निगम प्रशासन सफाई ठेके के 3275 सफाई कामगारों का बिल भुगतान करता है तो इससे निगम को लाखों रुपये का आर्थिक नुकसान होगा।