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तीसरे चरण का प्रचार थमा, 93 दिग्गज मैदान में

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दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए तीसरे चरण का चुनाव प्रचार थम चुका है। मंगलवार को देश की 93 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होगी।

तीसरे चरण की वोटिंग में गुजरात की गांधीनगर सीट से गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट से समाजवादी पार्टी की नेता और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव, बारामती से पवार परिवार के दाे सदस्य और रायबरेली सीट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रतिष्ठा दांव पर होगी। बता दें कि इससे पहले 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग और 26 अप्रैल को दूसरे चरण की वोटिंग हो चुकी है।

अमि शाह गांधीनगर से दूसरी बार लड़ रहे चुनाव

गृह मंत्री अमित शाह गांधीनगर सीट से दूसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। यह सीट बीजेपी की प्रतिष्ठित सीटों में से एक मानी जाती है। पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भी इसी सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। 1989 के बाद से कभी भी इस सीट से बीजेपी को हार नहीं मिली है। शाह के खिलाफ गांधी नगर सीट से कांग्रेस की सोनल पटेल मैदान में हैं। शाह ने 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से सीजे चावड़ा को 5.5 लाख वोटों के अंतर से हराया था। चावड़ा ने 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट से लड़ा था। हालांकि, बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे।

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट से डिंपल यादव मैदान में

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। इस सीट से समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैदान में हैं। यह सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती रही है। कभी मुलायम सिंह यादव इसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ते रहे हैं। इस सीट से समाजवादी पार्टी का लंबे समय से कब्जा रहा है। इस सीट का प्रतिनिधित्व मौजूदा समय में डिंपल यादव कर रही हैं। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद इस सीट पर दिसंबर 2022 में हुए उपचुनाव में डिंपल यादव ने बीजेपी के प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य को 2,88,461 वोटों के अंतर से शिकस्त दिया था।

महाराष्ट्र की बारामती सीट से पवार परिवार में पावर गेम

महाराष्ट्र की बारामती सीट को लेकर भी खूब चर्चा हो रही है। इसकी वजह यह है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद परिवार के दो सदस्य इस सीट से आमने सामने हैं। शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले और शरद पवार के भतीजे अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार चुनावी मैदान में एक दूसरे को टक्कर दे रही हैं। एनसीपी में टूट होने के बाद यह पहला लोकसभा चुनाव है। बता दें कि अजित पवार बीते साल अपने चाचा से बगावत करके बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए गठबंधन में शामिल हो गए थे। अजित पवार को महाराष्ट्र के एनडीए सरकार में डिप्टी सीएम का पद दिया गया था।

एनसीपी में टूट होने का मामला चुनाव आयोग के पास गया था। चुनाव आयोग ने अजित पवार के गुट को असली एनसीपी करार दिया था। अजित पवार के गुट को एनसीपी का नाम और सिम्बल इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी गई थी। वहीं, शरद पवार की अगुवाई वाले गुट को एनसीपी(शरदचंद्र पवार) नाम दिया गया था। इस सीट पर मुकाबला उस समय रोमांचक हो गया जब अजित पवार ने अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया। सुप्रिया सुले इस सीट से बीते तीन टर्म से सांसद हैं। 1984 में पहली बार सुप्रिया सुले बारामती सीट से सांसद चुनी गई थीं।1991 मेे अजित पवार ने इस सीट से जीत हासिल की थी। 1996 से ही बारामती सीट से शरद पवार और सुप्रिया सुले चुनाव जीतते रहे हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सुप्रिया सुले यहां से बीजेपी के कैंडिडेट कंचन राहुल कुल से 1.5 वोटों से हार गईं थी।

शिवराज सिंह चौहान विदिशा से चुनावी मैदान में

सबसे ज्यादा समस तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर सेवा दे चुके शिवराज सिंह चौहान विदिशा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने मध्य प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन किया था। पार्टी ने डॉ. मोहन यादव को मध्य प्रदेश का सीएम बनाया था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने दबी जुबान से पार्टी के इस फैसले पर नारजगी जाहिर की थी। वहीं, पार्टी ने कहा था कि अब शिवराज सिंह चौहान को केंद्र की राजनीति में जगह दी जाएगी। बता दें कि शिवराज सिंह चौहान से विदिशा से 1991 से लेकर 2004 के बीच पांच बार सांसद रह चुके हैं। इस बार इस सीट पर चौहान का मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी भानू शर्मा के साथ होगा।

ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना सीट से ठोक रहे चुनावी ताल

2020 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश की गुना सीट से चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। यह ग्वालियर चंबल क्षेत्र में आता है। मौजूदा समय में नागरिक एवं उड्डयन मंत्री ज्याेतिरादित्य सिंधिया के लिए यह चुनाव बेहद अहम होने वाला है। यहां पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का मुकाबला कांग्रेस के कैंडिडेंट यादवेंद्र राव देशराज सिंह के साथ है। ज्योतिरादित्य ने इस सीट से साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ था और बीजेपी के कैंडिडेट कृष्णपाल सिंह से हार गए थे।

राजगढ़ लोकसभा सीट से दिग्विजय सिंह दिखाएंगे दम

अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले और कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शुमार दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश की राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। यह बेहद हॉट सीट माना जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि दिग्विजय सिंह का यह आखिरी चुनाव है। ऐसे में इस सीट से जीत हासिल करना मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के लिए प्रतिष्ठा का विषय है। यहां से दिग्विजय सिंह का मुकाबला बीजेपी के प्रत्याशी रोडमाल नागर से होगा। रोडमाल नागर से लगातार दूसरी बार सिटिंग सांसद हैं। 33 साल तक दिग्विजय सिंह इस सीट पर दबदबा रखते रहे हैं।

बीवाई राघवेंद्र शिवमोग्ग से लड़ रहे हैं चुनाव

तीसरे चरण के हॉट सीटों में से एक कर्नाटक की शिवमाेग्गा लोकसभा सीट है। यहां से कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येड्डीयुरप्पा के बेटे और कर्नाटक बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष बीवाई राघवेंद्र मैदान में हैं। इस सीट को लेकर भी काफी चर्चा हो रही है। बीवाई राघवेंद्र का सीधा कांग्रेस की प्रत्याशी गीता शिवराजकुमार से है। गीता शिवराजकुमार कन्नड़ सुपरस्टार शिव राजकुमार की पत्नी हैं। वहीं,बीजेपी के खिलाफ बगावत करके केएस ईश्वरप्पा भी इसी सीट से चुनाव लड़ रह हैं। इससे यहां पर मुकाबला बेहद रोमांचक हो गया है। बता दें कि केएस ईश्वरप्पा कर्नाटक की पिछली बीजेपी सरकार में मंत्री रहे हैं और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

प्रहलाद जोशी कर्नाटक के धारवाड़ से मैदान में

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी कर्नाटक की धारवाड़ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। जोशी इस सीट से साल 2004 से ही जीत हासिल कर रहे हैं। इस बार जोशी का मुकाबला कांग्रेस के विनोद असूटी के साथ है। केंद्र में बीजेपी की दूसरे टर्म की सरकार में जोशी संसदीय मामलों, कोयला और खनन मंत्री थे। प्रहलाद जोशी को कर्नाटक बीजेपी का एक कद्दावर चेहरा माना जाता है। देश भर में लोकसभा चुनाव सात चरणों में 19 अप्रैल से 1 जून तक होगा। वोटों की गिनती 4 जून को होगी।