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कांग्रेस की सत्ता जब से प्रदेश में आई, तब से आदिवासियों का जीना हुआ दूभर: रेणुका सिंह

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रायपुर। बलरामपुर जि़ले के वाड्रफनगर ब्लॉक स्थित बैकुंठपुर गाँव में वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों के मकान को ध्वस्त करने के मामलें में केंद्रीय मेंत्री रेणुका सिंह (RENUKA SINGH) ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। केंद्रीय मंत्रीने कहा कि यह घटना प्रदेश सरकार के उन तमाम दावों पर कऱारा तमाचा है, जिनकी दुहाई दे-देकर प्रदेश सरकार आदिवासियों की हितरक्षक होने और छत्तीसगढ़ को भ्रष्टाचारमुक्त बनाने की बात कहती है।

आदिवासियों का जीना हुआ दूभर

केंद्रीय राज्य मंत्री सिंह (RENUKA SINGH) ने कहा कि प्रदेश में जबसे कांग्रेस ने सत्ता सम्हाली है, प्रदेश के अमनपसंद गऱीब आदिवासियों को जीना तो दुभर हुआ ही है। प्रदेश सरकार के दबाव में अधिकारी-कर्मचारी भोले-भाले आदिवासियों तक को नहीं बख़्श रहे हैं। पिछले चार माह के दौरान इस विशेष संरक्षित पंडो जनजाति के आदिवासी जिस तरह आपदाओं से जूझ रहे हैं, उससे साफ़ है कि प्रदेश सरकार और उसकी प्रशासनिक मशीनरी की संवेदनाओं को काठ मार गया है।

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बीजेपी नेत्री ने कहा कि अशिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव और आथिज़्क बदहाली से जूझते पंडो जनजाति के 23 लोगों की मौत के बाद भी प्रदेश सरकार के कानों पर जूँ तक नहीं रेंग रही है। रोज दो जून की रोटी के लिए संघर्ष करते इन आदिवासियों से घूस वसूलते अपने नुमाइंदों की करतूत पर प्रदेश सरकार को आखिऱ कब शर्म महसूस होगी?

कार्रवाई की मांग की

केंद्रीय राज्यमंत्री सिंह (RENUKA SINGH) ने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आदिवासियों को वनभूमि का पट्टा देने का सियासी ढोल तो ख़ूब पीट रहे हैं, लेकिन ज़मीनी सच इन दावों की पोल खोल रहे हैं। 20 सालों से वनभूमि पर काबिज़ पण्डो जनजाति के लोगों के साथ वन विभाग के नुमाइंदे कितनी निर्दयता से पेश आ रहे हैं? बैकुंठपुर गाँव की यह घटना इसका जीता-जागता नमूना है। इन आदिवासियों को उक्त भूमि पर काबिज़ रहने देने के लिए सालों से वन विभाग के नुमाइंदे बतौर रिश्वत बकरा-मुर्गा लेकर अपना गर्हित आचरण प्रदर्शित करते रहे हैं। केंद्रीय मंत्री सिंह ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कर सभी दोषियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है।