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फॉरेंसिक साइंस की कार्यशाला में स्पेशल DG के टिप्स, डिजीटल सबूतों की पहचान जरुरी

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रायपुर। फॉरेंसिक साइंस विषय पर बिलासपुर एवं सरगुजा रेंज पुलिस एवं फॉरेंसिक इन्वेस्टिगेशन एजेंसी बिलासपुर द्वारा ‘‘प्रथम राष्ट्रीय ई-कॉन्फ्रेंस 2021’’ बिलासपुर एवं सरगुजा रेंज के पुलिस अधिकारियों के लिए दो दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित किया गया। कार्यशाला में विवेचना के दौरान साक्ष्य हेतु फॉरेंसिक साइंस एवं डिजिटल/सायबर फॉरेंसिक साइंस के महत्व को फॉरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा बताया गया।

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वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक डिवाईस के माध्यम से समाज में बढ़ते ऑनलाइन अपराधों के प्रकरणों में पुलिस अधिकारियों को विवेचना के दौरान डिजीटल साक्ष्य संकलन के संबंध में विशेष पुलिस महानिदेशक र.के.विज द्वारा कार्यशाला में व्याख्यान दिया गया।

विज ने बताया कि पुलिस के सामने वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती ऑनलाइन होने वाले अपराधों से जुड़े डिजीटल साक्ष्यो का पहचान, संग्रहण, अधिग्रहण एवं संरक्षण करना है, इन चुनौतियों का सामना करने के लिए विभाग के प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारियों को कम्प्यूटर की फंक्शनिंग का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है। अपराधियों द्वारा लगातार तरीके बदल-बदल कर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस, इंटरनेट, फेसबुक, व्हाट्सअप आदि के माध्यम से अपराधों को अंजाम दिया जा रहा हैं।

अपराध घटित होने के बाद अपराध से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक एवं डिजीटल साक्ष्यों का पहचान, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस जैसे- कम्प्यूटर के पार्ट्स, मोबाईल, सीसीटीवी कैमरा आदि का संग्रहण, अधिग्रहण एवं संरक्षण के संबंध में भारत सरकार द्वारा IS/ISO/IEC/27037:2012 में दिये गये गाईडलाईन का पालन करते हुऐ परीक्षण हेतु सायबर लैब भेजने एवं न्यायालय में पेश करने तक की संपूर्ण प्रक्रिया के संबंध में प्रत्येक पुलिस अधिकारियों को ज्ञान होना आवश्यक है,

ताकि साक्ष्य का मूल स्वरूप बना रहे, जो न्यायालय में ग्राह्य हो सके, तभी ऑनलाइन अपराधों में अपराधियों को पकड़ा जा सकेगा एवं पीड़ितों को न्याय मिल पायेगा। साथ ही समाज में जागरूकता लाने की जरूरत है जिससे लोग ऑनलाइन अपराध से बच सके एवं अपराध होने पर सूचना तत्काल टोल फ्री नंबर 155260 एवं cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत कर सके।

रूपयों को आरोपियों तक पहुँचने से रोका

विज ने बताया कि छत्तीसगढ़ सायबर टीम द्वारा ऑनलाइन ठगी के लगभग 65 लाख से अधिक रूपये को आरोपियों तक पहुँचने से रोका गया है एवं आगरा व दिल्ली के ऑनलाइन ठगी के पीड़ितों के रूपये भी वापस कराये गये हैं। ऑनलाइन अपराधों के संबंध में लगातार प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाकर पुलिस के अधिकारी/कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाना अत्यंत आवश्यक है।

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इस दिशा में फॉरेंसिक इन्वेस्टिगेशन एजेंसी बिलासपुर द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बहुत ही महत्वपूर्ण एवं सराहनीय पहल है, निश्चित रूप से इसका लाभ पुलिस के अधिकारियों/कर्मचारियों को मिलेगा। इस तरह के कार्यक्रम पूरे प्रदेश में कराये जाने की आवश्यकता है।