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Holi 2021 : होलाष्टक शुरू, शादी-ब्याह समेत इन मांगलिक कार्यों पर लगी रोक

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रायपुर। रंगों के महापर्व होली (Holi 2021) के आठ दिन पहले होलाष्टक होता है। जिसमें विभिन्न मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है।

ऐसा कहा जाता है कि “होलिका द्वारा प्रह्लाद को जलाए जाने के पहले, इन्ही आठ दिनों में प्रह्लाद को मारने के लिए हिरण्यकश्यप ने उसे तमाम शारीरिक प्रताड़नाएं दीं थी। इसलिए इन आठ दिनों को हिंदू धर्म के अनुसार सर्वाधिक अशुभ माना जाता है।”

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वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक के प्रथम दिन अर्थात फाल्गुन शुक्लपक्ष की अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल तथा पूर्णिमा को राहु का उग्र रूप रहता है। इस वजह से इन आठों दिन मानव मस्तिष्क तमाम विकारों, शंकाओं और दुविधाओं आदि से घिरा रहता है।

महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि “रायपुर से प्रकाशित पंचागों के मुताबिक़ 21 मार्च रविवार से यहाँ होलाष्टक शुरू हो चूका है, जो 28 तारीख रविवार को होलिका दहन (Holi 2021) के बाद समाप्त हो जायेगा। इस आठ दिन के समय में कोई मांगलिक कार्य, गृह प्रवेश करना वर्जित होगा व्यक्ति को नए रोजगार और नया व्यवसाय भी नही शुरू करना चाहिए।”

पंडित शुक्ला ने बताया कि “पौराणिक मान्यताएं है कि राजा हिरण्य कश्यप ने अपने पुत्र भक्त प्रह्लाद को भगवान विष्णु की भक्ति से हटाने और हिरण्यकश्यप को ही भगवान की तरह पूजने के लिये अनेक यातनाएं दी। जब किसी भी तरकीब से बात नहीं बनी तो उन्होंने अपनी बहन होलीका से अपने पुत्र को यातनाएं दिलवाई।

लगातार आठ दिनों तक जब भगवान अपने भक्त की रक्षा करते रहे तो, होलिका ने खुद को आग में झोकने का फैसला किया, बावजूद इसके भगवान विष्णु ने अपने भक्त को बचाकर होलिका को जलाकर भस्म में बदल दिया।

इसलिये आज भी भक्त इन आठ दिनों को अशुभ मानते हैं। उनका यकीन है कि इन दिनों में शुभ कार्य करने से उनमें विघ्न बाधाएं आने की संभावनाएं अधिक रहती हैं।”

Holi 2021 : होलाष्टक में ये कार्य वर्जित

1. विवाह :
होली से पूर्व के 8 दिनों में भूलकर भी विवाह न करें। यह समय शुभ नहीं माना जाता है, जब तक कि कोई विशेष योग आदि न हो।

2. नामकरण एवं मुंडन संस्कार :
होलाष्टक के समय में अपने बच्चे का नामकरण या मुंडन संस्कार कराने से बचें।

3. भवन निर्माण :
होलाष्टक के समय में किसी भी भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ न कराएं। होली के बाद नए भवन के निर्माण का शुभारंभ कराएं।

4. हवन-यज्ञ :
होलाष्टक में कोई यज्ञ या हवन अनुष्ठान करने की सोच रहे हैं, तो उसे होली बाद कराएं। इस समय काल में कराने से आपको उसका पूर्ण फल प्राप्त नहीं होगा।

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5. नौकरी :
होलाष्टक के समय में नई नौकरी ज्वॉइन करने से बचें। अगर होली के बाद का समय मिल जाए तो अच्छा होगा। अन्यथा किसी ज्योतिषाचार्य से मुहूर्त दिखा लें।

6. भवन, वाहन आदि की खरीदारी :
संभवत हो तो होलाष्टक के समय में भवन, वाहन आदि की खरीदारी से बचें। शगुन के तौर पर भी रुपए आदी न दें।