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नीति आयोग की बैठक में बोले भूपेश, कार्गाें हब और निर्यात के लिए पोर्ट को दे मंजूरी

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रायपुर। सूबा-ए-सदर भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग (NITI Aayog) की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हिस्सा लिया। इस बैठक में उन्होंने प्रदेश की तमाम जरूरतों को मांगों को विस्तार से रखा।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में उद्योगों के विकास और निर्यात का बढ़ावा देने के लिए रायपुर में कार्गाें हब स्थापित करने की मंजूरी देने और निर्यात के लिए पोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ लैण्डलॉक्ड राज्यों में शामिल है, इसलिए छत्तीसगढ़ को परिवहन लागत की सुगमता हेतु औद्योगिक गतिविधियों के लिए अंतरदेशीय परिवहन अनुदान दिया जाए, ताकि छत्तीसगढ़ से निर्यातक एवं कृषि आधारित उद्योगों के विकास को गति मिल सके।

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति में खनिज संसाधनों एवं कृषि तथा वनोपजों में वेल्यूएडिशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में लाख उत्पादन और मछली पालन को खेती का दर्जा दिया गया है। इस्पात उद्योग को कोरोना काल में रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराई गई।

जिससे छत्तीसगढ़ इस्पात उत्पादन में अग्रणी रहा। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षाें में 56 हजार करोड़ रूपए के पूंजी निवेश के लिए 154 एमओयू किए गए।

NITI Aayog की बैठक में मांगी अनुमति

मुख्यमंत्री ने नीति आयोग की इस बैठक में कहा कि राज्य को अतिशेष धान से एथेनॉल उत्पादन की अनुमति दी जाए। इससे देश की विदेशी मुद्रा में बचत होगी, किसानों को उनकी उपज का अच्छा दाम मिलेगा और रोजगार के अवसर बढेंगे। उन्होंने कहा कि चावल के स्थान पर धान से एथेनॉल की अनुमति मिलने पर परिवहन और मिलिंग पर होने वाला खर्च बचेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि पहली बार केन्द्र सरकार द्वारा एथेनॉल की दर 54.89 रूपए प्रति लीटर तय की गई है जिसे और अधिक बढ़ाया जाना चाहिए। प्रदेश में गन्ने से एथेनॉल उत्पादन के लिए एमओयू हो चुका है।

60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने का आग्रह

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नीति आयोग (NITI Aayog) की बैठक में बताया कि इस वर्ष छत्तीसगढ़ में 20 लाख 58 हजार किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई है। किसानों को इसके लिए 17 हजार 322 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा पूर्व में केन्द्रीय पूल में छत्तीसगढ़ से 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की घोषणा की गई थी।

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लेकिन इसमें 16 लाख टन की कटौती कर दी गई। एफसीआई ने चावल देने की अनुमति अक्टूबर, नवम्बर में ही मिल जाती थी। इस सीजन में जनवरी माह में 24 लाख मीट्रिक टन की अनुमति ही मिल पाई। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय पूल में शेष 16 लाख मीट्रिक टन चावल लेने का अनुरोध किया है।