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स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का बड़ा बयान, नहीं होगा को-वैक्सीन का इस्तेमाल

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कोरोना की को-वैक्सीन (Covaxin) का इस्तेमाल पर एक बड़ा बयान दिया है। सिंहदेव ने केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में को-वैक्सीन की भेजी गई खेप के इस्तेमाल पर फिलहाल रोक लगाने की बात कही है।

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सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने मीडिया से चर्चा के दौरान इस बात पर राज्य सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए यह जानकारी दी है। सिंहदेव ने कहा कि “हम अंडर क्लीनिकल ट्रायल वैक्सीन को अपने राज्य के किसी भी नागरिक को नहीं लगने देंगे।”

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि “केंद्र की तरफ से को-वैक्सीन के साथ एक सहमति पत्र भी भेजा गया है। जिससे ये स्पष्ट है कि अगर कोई व्यक्ति इस वैक्सीन को लगाता तो ऐसा वो अपने रिस्क पर कर रहा है। ये चीज़ कोविशील्ड के साथ नहीं है।”

सिंहदेव ने कहा “कोविशील्ड की ट्रायल की सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद उसकी सप्लाई शुरू की गई है। पर मुझे ये बात समझ नहीं आती कि जब इतने दिन रुके हैं तो फिर अब हड़बड़ी क्यों की जा रही है ? कुछ दिन और इंतजार किया जा सकता है।”

Covaxin का इमरजेंसी ऑथराइजेशन

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वैसे भी को-वैक्सीन का इमरजेंसी ऑथराइजेशन ही मिला है, फिलहाल किसी प्रकार की कोई इमरजेंसी छत्तीसगढ़ में नहीं है। ऐसे में ट्रायल के बाद मैं सबसे पहले को-वैक्सीन (Covaxin) लगवाने के लिए तैयार हूं, लेकिन ट्रायल जब तक चल रहा है तब तक को-वैक्सीन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

3 लाख रजिस्टर्ड 30 फ़ीसदी को लगा टिका

टीएस सिंह देव ने बताया कि अब तक छत्तीसगढ़ में तीन लाख के करीब हेल्थ वर्कर कोविन पोर्टल में रजिस्टर्ड हो चुके है। जिसमें अब तक 62 हज़ार 107 लोगों को चिन्हांकित कर कोविशील्ड का टीका लगाया जा चुका है। वहीं सुबे में अब तक तकरीबन ढाई सौ डोज़ कोविशील्ड की खराब हुई है।

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गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को 3 लाख 23 हज़ार डोज़ कोविशील्ड की मिल चुकी है। आंकड़ों की अगर बात की जाए तो प्रदेश में टीकाकरण की रफ्तार बेहद धीमी है, और छत्तीसगढ़ में अब तक महज 30 फ़ीसदी ही टीकाकरण हो पाया है।