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आदिवासियों पर दर्ज़ मामलों पर अब “स्पीडी ट्रायल” नोडल अफसरों को सौपी ज़िम्मेदारी

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों दर्ज़ मामलों में अब “स्पीडी ट्रायल” किया जाएगा। इसके निर्देश सूबे के पुलिस महकमे के मुखिया डीएम अवस्थी ने ज़ारी किए है। आदिवासियों पर दर्ज़ मामलों की वापसी के लिए बनी कमेटी की एक बैठक शुक्रवार को आहूत की गई थी।

जिसमें प्रकरणों की वापसी की वर्तमान स्तिथि पर समीक्षा की गई। वापसी के मामलों में धीमी रफ़्तार से खफा डीजीपी डीएम अवस्थी ने तेज़ चाल में काम करने के निर्देश अफसरों को दिए है। वहीँ उन्होंने इस बैठक के दौरान नोडल अफसरों को उनकी नई ज़िम्मेदारियाँ भी सौपी है।

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बैठक के दौरान डीजीपी अवस्थी ने कहा कि “प्रकरण वापसी में लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। मैं खुद ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए संबंधित जिलों की मॉनेटरिंग करूंगा।”

डीजीपी ने प्रकरणों की जल्द से जल्द सुनवाई के लिए बस्तर संभाग के सात और दुर्ग संभाग के एक जिले में नोडल अफसर नियुक्त किए है। जिसमें कांकेर, कोंडागांव, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर और राजनांदगांव जिले शामिल है।

इन जिलों में प्रकरणों की वापसी (स्पीडी ट्रायल) के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए है। संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षकों को डीजीपी ने ये भी कहा है कि “अत्यावश्यक परिस्थितियों को छोड़कर इन नोडल अधिकारियों से कोई भी अन्य कार्य न लिया जायें।”

स्पीडी ट्रायल के लिए इन्हे बनाया नोडल अफसर

बैठक के दौरान डीजीपी अवस्थी ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोरखनाथ बघेल, जिला कांकेर, उप पुलिस अधीक्षक शिल्पा साहू, जिला दंतेवाड़ा, आदित्य पाण्डेय, उप पुलिस अधीक्षक (ऑप्स), जिला जगदलपुर, उप पुलिस अधीक्षक आशा सेन, जिला सुकमा, दीपक मिश्रा, उप पुलिस अधीक्षक, जिला कोण्डागांव, उप पुलिस अधीक्षक उन्नति ठाकुर, जिला नारायणपुर, मिर्जा जियारत बेग, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, जिला बीजापुर, कविलाश टण्डन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, जिला राजनांदगांव का नोडल अधिकारी बनाया गया।

नोडल अधिकारियों को दी गई ये जिम्मेदारी

विचारण हेतु संबंधित न्यायालय / न्यायालय के शासकीय अभिभाषक तथा कोर्ट मोहर्रिर से समन्वय कर पर्याप्त समयापूर्व साक्षियों के समंस जारी एवं तामिली करायेंगे। पेशी दिनांक को आरोपी एवं साक्षियों की उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे।

पेशी दिनांक के पूर्व साक्षियों की सूची का परीक्षण करेंगे एवं ऐसे साक्षी जो शासकीय सेवक हैं एवं अन्य जिलों में स्थानांतरित या सेवानिवृत्त हो गए हैं, उनके समय पर सम्पर्क कर उनकी पेशी दिनांक को उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे।

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उक्त प्रकरणों में एफ.एस.एल. एवं अन्य विशेषज्ञ की रिपोर्ट यदि अप्राप्त है तो समन्वय कर प्राप्त करेंगे।