spot_img

 फर्जी जाति प्रमाण पत्र की जांच की आंच में फंसे कई प्रोफेसर… कर्मचारी-अधिकारी किए जाएंगे बर्खास्त…

HomeCHHATTISGARH फर्जी जाति प्रमाण पत्र की जांच की आंच में फंसे कई प्रोफेसर......

रायपुर। छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण (Caste Certificate) पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारी-अधिकारी बर्खास्त किए जाएंगे। इसे लेकर राज्य सरकार की सक्रियता के बाद पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने भी कवायद तेज कर दी है।

मामले में कुलसचिव ने कई प्रोफेसर, कर्मचारी और अधिकारी को नोटिस थमा दिया गया है। इनमें प्रमुख रूप से बायोटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर डा. एसके जाधव, अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डा. आर के ब्रम्हें, भौतिकी विभाग की प्रोफेसर डॉ. नमिता ब्रम्हे ,इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर सुशील इंदुलकर समेत अन्य 30 अधिकारी, प्राध्यापक और कर्मचारियों को नोटिस दिया गया है।

भैयाजी ये भी पढ़े-टीवी डायरेक्टर गिरफ्तार…महिला से की थी 16 करोड़ की ठगी

इनसे जाति प्रमाण (Caste Certificate) पत्र की सत्यापित प्रति मांगी जा रही है। सूत्रों की मानें तो इनमें कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने जाति प्रमाण पत्र को निर्धारित मापदंड में नहीं दिया है। किसी ने मंत्री तो किसी ने विधायक की ओर से जारी प्रमाण पत्र से नौकरी हासिल कर ली है। जानकारी मिल रही है कि कुछ प्रोफेसर ने बिलासपुर और सरगुजा विवि में कुलपति बनने के लिए आवेदन भी कर दिया है।

रविवि के कुलसचिव डॉ. गिरीशकांत पाण्डेय ने बताया कि नोटिस देकर जाति प्रमाण (Caste Certificate) पत्र को लेकर जानकारी मांगी है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐसे फर्जी जाति प्रमाणपत्र धारी सरकारी सेवकों को सेवा से बर्खास्त करने के लिए समुचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। कुछ मामले कोर्ट में हैं ऐसे में सरकार का निर्देश है कि कोर्ट से स्थगन आदेश के मामलों में महाधिवक्ता पहल करें।

उच्च न्यायालय से प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई की अपील की जाए तथा संबंधित लोगों को तत्काल महत्वपूर्ण पदों से अलग किया जाए। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ऐसे सभी मामलों में नियमित तौर पर विभागवार समीक्षा करवा रहा है।

भैयाजी ये भी पढ़े-उत्तराखंड में एक दिन की CM बनी 19 वर्षीय सृष्टि गोस्वामी , बाल विभाग पर प्रेजेंटेशन देंगी…

20 वर्ष में कुल 758 शिकायतें

जीएडी से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण एवं छानबीन समिति रायपुर को वर्ष 2000 से 2020 के बीच फर्जी या गलत जाति प्रमाण (Caste Certificate)पत्र के कुल 758 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 659 शिकायतों की जांच में 267 फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले सामने आए।

इनमें अधिकांश मामले या तो उच्च न्यायालय में विचाराधीन हैं या उनपर स्थगन आदेश प्राप्त हैं। विगत दो वर्षों में ही 75 फर्जी प्रमाणपत्र के मामले सामने आए हैं। इनमें से कई अधिकारी और कर्मचारी अभी भी महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं।