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Exclusive : विधानसभा में सवालों की बौछार, 12 दिन में लगे नौ सौ से ज़्यादा प्रश्न

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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा (Assembly) के शीतकालीन सत्र में ज़बरदस्त गरमागरमी का माहौल बन सकता है। इसके पीछे की वज़ह प्रश्नकाल के लिए सदस्यों द्वारा लगाए जा रहे सवाल को बताया जा रहा है।

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दरअसल छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 21 दिसंबर से शुरू हो रहा है। ये सत्र 21 दिसंबर से 30 दिसंबर 2020 तक चलेगा जिसमें कुल 7 बैठकें होंगी। इन बैठकों में ही सदन की सभी कार्रवाई संपादित की जाएंगी।

सात बैठकों वाले इस विधानसभा (Assembly) सत्र के लिए महज़ 12 दिनों में नौ सौ से ज़्यादा सवाल पहुंच चुके है। इन सवालों का जवाब सरकार के मंत्रियों को प्रश्नकाल के दौरान देना होगा। वही जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर विपक्ष भी अपने तीखे तेवर दिखा सकती है।

इधर प्रश्नकाल के लिए पहुंचे सवालों के आंकड़ों पर आगे नज़र डाली जाए तो 19 नवंबर को पहले दिन महज़ आठ प्रश्न ही पहुंचे थे। जिसमें से चार प्रश्न तारांकित और चार अतारांकित थे।

12 दिन बीतने के बाद सवालों का ये आंकड़ा 9 सौ पार कर चूका है। 7 बैठकों में महज़ घंटे भर के प्रश्नकाल के लिए अब तक 961 प्रश्न विधानसभा सचिवालय को पहुंच चुके है। जिनमें से तारांकित प्रश्नों की संख्या 505 और अतारांकित प्रश्नों की संख्या 456 है।

भीतरखाने की खबर ये भी है कि इस विधानसभा (Assembly) सत्र में विपक्ष से ज़्यादा सरकार की तरफ ही बैठने वाले सदस्य ही सवाल दाग रहे है। राज्य सरकार के दो साल पुरे होने को है। महज़ तीन साल का कार्यकाल शेष है। ऐसे में विभिन्न क्षेत्र में विकास कार्यों से जुड़े सवाल जवाब की संख्या बढ़ना लाज़मी है।

Assembly में घेराबंदी की तैयारी

इधर छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भारतीय जनता पार्टी सत्ता पक्ष को घेरने के लिए तगड़ी रणनीति बना रही है। सत्र में धान खरीदी, धान के अंतर की राशि की चौथी किश्त, किसान आत्महत्या,

प्रदेश के अपराधों का बढ़ता ग्राफ, लचर स्वास्थ्य व्यवस्था, बेरोजगारी, शिक्षा जैसे कई अहम मुद्दों पर विपक्ष अपने तीखे तेवर दिखाएगा। खबर है कि विपक्ष सरकार के प्रत्येक मंत्री की घेराबंदी के लिए एक-एक विधायक को जिम्मेदारी सौप चूका है।