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शाह के फर्जी वीडियो मामले में पुलिस का एक्शन शुरू, CM से करेंगे पूछताछ

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दिल्ली। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी (Telangana CM A Revanth Reddy) को दिल्ली पुलिस ने तलब किया है। तेलंगाना के सीएम को गृह मंत्री अमित शाह के वीडियो से छेड़छाड़ करने के मामले में तलब किया है।

इस मामले में तेलंगाना के चार व्यक्तियों को भी नोटिस जारी किया गया है। अमित शाह के डॉक्टर्ड वीडियो (Amit Shah Doctored Video) को कथित तौर पर तेलंगाना कांग्रेस के आधिकारिक X हैंडल पर शेयर किया था। इस वीडियो ने तेलंगाना में विवाद खड़ा कर दिया क्योंकि इसमें बताया गया था कि बीजेपी का इरादा एससी/एसटी आरक्षण कोटा को खत्म करने का है।

BJP और गृह मंत्रालय ने की थी शिकायत

BJP और गृह मंत्रालय की शिकायतों के बाद, दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छेड़छाड़ किए गए वीडियो को सर्कुलेट करने के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस वीडियो क्लिप में गृह मंत्री को एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण कोटा खत्म करने की वकालत करते हुए दिखाया गया था।

दिल्ली पुलिस ने इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की धारा 153, 153ए, 465, 469, 171जी और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) एक्ट की धारा 66सी के तहत मामला दर्ज किया था। इस माले में Xऔर फेसबुक को भी नोटिस भेजे गए थे। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने X पर वीडियो पोस्ट कर कांग्रेस की आलोचना की थी।

बीजेपी प्रवक्ता ने उठाया था वीडियो से छेड़छाड़ का मुद्दा

बीजेपी ने इस वीडियो के सामने आने के बाद आपत्ति जताई। पार्टी ने स्पष्ट किया कि गृह मंत्री अमित शाह ने किसी भी रैली में आरक्षण को खत्म करने की बात नहीं की। गृह मंत्री के ऑरिजिनल वीडियो से छेड़छाड़ की गई है। बीजेपी प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा कि गृह मंत्री की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए वीडियो सर्कुलेट किया गया। बीजेपी प्रवक्ता ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट करते हुए कहा कि कई कांग्रेस प्रवक्ताओं ने इस फेक वीडियो को शेयर किया है और इसके लिए उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

अमित शाह ने आरक्षण के मुद्दे पर दिया स्पष्टीकरण

इस बीच, अमित शाह ने रविवार को एक रैली में इस मुद्दे पर स्पष्टकीकरण दिया। अमित शाह ने कहा कि जब तक बीजेपी और एनडीए गठबंधन की सरकार रहेगी एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण करने के बारे में नहीं सोचा जाएगा।

गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी झूठ फैला रहे हैं। राहुल गांधी लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। अगर बीजेपी की आरक्षण को खत्म करने की मंशा होती तो बीते दस साल में यह सत्ता में है और आसानी से ऐसा कर सकती थी। बता दें कि राहुल गांधी ने अपनी एक रैली में कहा था कि अगर बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आती है तो यह संविधान बदल देगी और दलित और पिछड़े वर्ग को मिल रहे आरक्षण के लाभ को खत्म कर देगी।