दिल्ली। संसद के विशेष सत्र (SANSAD) का आज दूसरा दिन है। केंद्र सरकार द्वारा बुलाए गए संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र का आगाज पीएम मोदी के संबोधन के साथ हुआ।
पीएम ने जी20 से भारत की साख को मिली मजबूती का जिक्र किया। इस सत्र में सरकार चार बिल पेश करेगी, जिसको लेकर संसदीय बुलेटिन में जानकारी दी गई थी। हालांकि, विपक्ष ने एक बार फिर इस पर हंगामा किया। विपक्षी पार्टियों ने इस विशेष सत्र में 9 मुद्दों पर सरकार को घेरने का एजेंडा बनाया था। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के नेताओं ने बीते दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर मीटिंग कर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की है। इसको लेकर सोनिया गांधी ने भी पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें 9 मुद्दे उठाए गए हैं।
महिला आरक्षण बिल चुनाव की मजबूरी है : डोला सेन
महिला आरक्षण बिल पर टीएमसी सांसद डोला सेन ने कहा कि यह चुनाव की मजबूरी है और कुछ नहीं। उन्होंने पिछले 9.5 साल में कुछ नहीं किया। क्या वे महिला आरक्षण बिल लाएंगे। हम इसका समर्थन करेंगे… देर आये दुरुस्त आये।
पहले एससी, एसटी और ओबीसी को दें कोटा
महिला आरक्षण बिल पर राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि पहली बार (SANSAD) कैबिनेट बैठक में कोई ब्रीफिंग नहीं हुई। हम महिला आरक्षण विधेयक पर सरकार की मंशा पर अधिक स्पष्टता चाहते हैं। उन्होंने कहा कि लालू यादव के समय से हमारी पार्टी का मानना है कि अगर आपका विचार प्रतिनिधित्व बढ़ाने का है तो यह तब तक संभव नहीं है, जब तक आप एससी, एसटी और ओबीसी को कोटा नहीं देंगे। कोटे के भीतर एक कोटा होना जरूरी है। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो हमें सामाजिक न्याय पर लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी।
यह विधेयक पहले लाया जाना चाहिए था
महिला आरक्षण बिल पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी (SANSAD) ने कहा कि यह विधेयक बहुत पहले लाया जाना चाहिए था। यह 2014 में भाजपा के घोषणापत्र में था, लेकिन मोदी सरकार के 9.5 साल बाद यह हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि इससे महिलाएं सही तरीके से सशक्त होंगी। मुझे उम्मीद है कि विधेयक यथाशीघ्र पारित हो जाएगा। मुझे उम्मीद है कि यह विधेयक 2024 के लोकसभा चुनाव में लागू होगा और 33% महिलाएं निर्वाचित होंगी और देश के विकास में भाग लेंगी।
सेशन के दौरान बेहोश हुए बीजेपी सांसद नरहरि अमीन
पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में सांसदों के ग्रुप फोटो सेशन के दौरान बीजेपी सांसद नरहरि अमीन बेहोश हो गए। हालांकि, वह अब ठीक हो गए हैं और फोटो सेशन का हिस्सा हैं।
यह बहुत पहले पारित हो जाना चाहिए था
महिला आरक्षण विधेयक पर आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि एक दशक से यह विधेयक राज्यसभा से पारित होने के बाद लंबित था। इसे लगभग दस साल पहले पारित हो जाना चाहिए था, जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी। इसके लिए विशेष सत्र बुलाना पड़ा, लेकिन देर आये दुरुस्त आये, ऐसा होना ही चाहिए। महिलाओं को उनका अधिकार मिलना चाहिए। AAP हमेशा महिलाओं के बेहतर प्रतिनिधित्व के समर्थन में है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह बिल कांग्रेस सरकार के दौरान राज्यसभा में पारित हुआ था, लेकिन लोकसभा में यह पारित नहीं हो सका। इसके लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों दोषी हैं।
राज्यसभा और लोकसभा सदस्यों की अलग-अलग खींची जाएगी ग्रुप फोटो
लोकसभा बुलेटिन के मुताबिक, सबसे पहले राज्यसभा और 17वीं लोकसभा के सदस्यों की एक संयुक्त तस्वीर ली जाएगी। इसके बाद राज्यसभा सांसदों की एक ग्रुप फोटो खींची जाएगी और बाद में लोकसभा सदस्यों की एक ग्रुप फोटो खींची जाएगी।