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श्रमिकों को कागजों में खिलाया भोजन और खुद डकार गए 24.70 लाख

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बिलासपुर। बिलासपुर के कोटा जनपद पंचायत (KOTA NEWS) की ग्राम पंचायत करगीखुर्द में सरपंच और सचिव ने मिलकर देशव्यापी लाकडाउन में अपने गांव आए श्रमिकों को क्वारंटाइन के दौरान कागजों में भोजन कराया। इसके अलावा विभिन्न निर्माण कार्यों में गड़बड़ी को अंजाम दिया है। शिकायत के बाद मामले की जांच कराई गई तो 24 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आया है।

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कोरोना संक्रमण को लेकर देशभर में जहां हाहाकार मचा हुआ था। लाकडाउन (KOTA NEWS) के कारण श्रमिक बाहरी प्रांतों से अपने घर लौट रहे थे उस आपदा की घड़ी को कुछ लोगों ने कमाई का जरिया बना लिया था। कोटा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत करगीखुर्द के सरपंच और सचिव ने मिलकर क्वारंटाइन में रह रहे मजदूरों के भोजन के नाम पर लाखों रुपये की गड़बड़ी की।

पहली लहर के दौरान आठ मई 2020 से 19 मई 2020 को बाहरी प्रांतों से 93 श्रमिक लौटे। इन्हें गांव के स्कूल में क्वारंटाइन किया गया। ग्राम पंचायत ने इनके भोजन में पांच लाख 52 हजार 982 रुपये खर्च होना बताया। पंचायत के पास भोजन में खर्च की गई राशि का कोई दस्तावेज नहीं है। इसके अलावा उपस्थिति पंजी में कितने श्रमिकों को कब—कब रखा गया इसका भी उल्लेख नहीं है।

रसोइया ने बनाया ही नहीं खाना और कर दिया भुगतान

बाहरी प्रांतों से आकर स्कूल में क्वारंटाइन में रहे रहे श्रमिकों (KOTA NEWS) के लिए भोजन रसोइया द्वारा बनाने की जानकारी ग्राम पंचायत की ओर से दी गई। जांच में पता चला कि उस अवधि का भुगतान रसोइया को किया ही नहीं गया है। पंचायत की ओर से साक्ष्य भी पेश नहीं किया जा सका।

पंचायत फंड की राशि को नहीं किया बैंक में जमा

पंचायत में आवश्यक कार्य के लिए पंचायत फंड का प्रविधान है। करगीखुर्द को भी चार लाख 84 हजार 640 रुपये मिले थे। नियमत: इसे बैंक में जमा कराना था, लेकिन सरपंच और सचिव ने मिलकर राशि खर्च कर दी।

नोटिस के बाद भी जवाब नहीं

शिकायत के बाद मामले की जांच के लिए टीम बनाई गई थी। इसमें जिला आडिटर अशोक धिरही के अलावा पांच अधिकारी शामिल थे। रिपोर्ट उप संचालक शिवानी सिंह को सौंप दी गई है। उन्होंने मामले में जवाब के लिए अब तक चार बार नोटिस सरपंच और सचिव को जारी किया जा चुका है। लेकिन जवाब नहीं मिला। मामले में उप संचालक पंचायत शिवानी सिंह ने मिडिया को बताया ,कि जांच फाइल मिल गई है। वर्तमाल में जिला पंचायत सीईओ प्रशिक्षण में बाहर गए हैं। उनके आने के बाद कार्रवाई के लिए फाइल सौंप दी जाएगी।

इस तरह की गई गड़बड़ी

  • कोविड 19 के दौरान सूखा राशन में 49,500रुपये।
  • दो नग कीट भुगतान में 11,616 रुपये
  • पंप आपरेटर और कार्यालय सहायक भुगतान में 800 रुपये।
  • गणेश बंगला से नवधा पंडाल तक सीसी रोड निर्माण में 9,20,000 रुपये
  • मंडी चबूतरा उद्घाटन में 3,0000 रुपये
  • 14 वें वित्त मद से फ्लैक्स और बैनर में 15,030 रुपये
  • 14 वें वित्त मद से पंप आपरेटर भुगतान में 35,000 रुपये
  • मंडी चबूतरा निर्माण पर अतिरिक्त व्यय 1,20, 000 रुपये।