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जासूस होने के आरोप में 8 साल से पकिस्तान की जेल बंद श्मशुद्दीन लौटे भारत, मिलेंगे परिवार से

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दिल्ली। भारतीय जासूस के आरोप में पाकिस्तान (Pakistan) की जेल में 8 साल तक कैद रहने वाले उत्तरप्रदेश के कानपुर निवासी श्मशुद्दीन अपने देश भारत लौट आए है। 26 अक्टूबर को अटारी-वाघा सीमा पार करके पाकिस्तान (Pakistan) से भारत पहुंचे थे, लेकिन कोरोना गाइडलाइंस के तहत अमृतसर में क्वारंटीन थे। जिसके बाद आज सोमवार को वह अपने परिवार से मिलेंगे।

रोजगार की तलाश में कानपुर से आया था दिल्ली

दरअसल उत्तर प्रदेश के कानपुर में बजरिया पुलिस स्टेशन के अंतर्गत कंघी मोहाल में बेरी का हाता निवासी श्मशुद्दीन (62) जूता बनाने का काम करता था। वह 1992 में रोजगार की तलाश में कानपुर से दिल्ली गए थे। पाकिस्तान में रहने वाले उनके एक रिश्तेदार ने उन्हें गुमराह किया और उन्हें पाकिस्तान आने की सलाह दी। उसने श्मशुद्दीन के फर्जी दस्तावेज बनाए और अवैध रूप से उन्हें पाकिस्तान(Pakistan) ले गया। 2012 में उसने भारत आने के लिए अपने पासपोर्ट को नए सिरे से बनवाने की कोशिश की, उसी दौरान खुफिया एजेंसी ने उसे पकड़ लिया था। पाकिस्तान के अधिकारियों ने शमशुद्दीन पर भारतीय जासूस होने का आरोप लगाया। कहा गया कि वह देश विरोधी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान में आया था।

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26 अक्टूबर को अटारी-वाघा सीमा पार करके पाकिस्तान से भारत पहुंचे थे। जिसके बाद पाकिस्तान की एक अदालत ने 2012 में शमशुद्दीन को जासूसी और जाली पासपोर्ट रखने के आरोप में आठ साल की जेल की सजा सुनाई थी। कराची की जेल में बंद श्मशुद्दीन के परिवार ने भी उनके वापस आऩे की उम्मीद खो दी थी,लेकिन आठ साल बाद वह पाकिस्तान की जेल से छूट गए है।

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जेल में होता था दुर्व्यवहार

श्मशुद्दीन के भाई फहीमुद्दीन ने कहा कि उन्होंने कुछ दिन पहले अपने बड़े भाई से बात की थी। श्मशुद्दीन ने उन्हें बताया था कि पाकिस्तान में उनके कड़वे अनुभव रहे। उनके साथ जेल में बहुत ही कठोर व्यवहार किया गया। उन्हें एक अंधेरे कमरे में रखा गया था, जहां भरपेट खाना भी नहीं दिया जाता था। वह रात में सो भी नहीं पाते थे।