spot_img

बोर बासी दिवस : मंत्री लखमा ने कर्नाटक में खाया बासी, अनिल भेड़िया, शिव डहरिया ने भी चखा स्वाद

HomeCHHATTISGARHबोर बासी दिवस : मंत्री लखमा ने कर्नाटक में खाया बासी, अनिल...

रायपुर। बोरे बासी क्या है यदि जानने की कोशिश करे, तो हम पाएंगे कि यह वास्तव में फ़रमेंटेड चावल होता है। पके चावल को माड़ और पानी के साथ रात को भिगोकर रख दिया जाता है और सुबह इसका सेवन किया जाता है, इसे बोरे बासी कहते हैं। आज श्रमिक दिवस पर पुरे छत्तीसगढ़ में बोरबासी दिवस मनाया जा रहा है। सूबे के तमाम मंत्री और अधिकारी भी बोर बासी खाते हुए सोशल मीडिया में अपने अनुभव शेयर कर रहे है।

भैयाजी ये भी देखें : बड़ी ख़बर : सुप्रीम कोर्ट का आदेश, छत्तीसगढ़ में 58 फीसदी…

प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कर्नाटक में बोरे बासी खाया। वही बस्तर के जंगलों में सर्चिंग के दौरान जवानों ने बोरे बासी खाया। इसकी तस्वीर सामने आई है। सीएम भूपेश बघेल ने आम जनता से अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के अवसर पर बोरे बासी खाकर अपनी संस्कृति के गौरव मनाने की अपील की है।

मंत्री शिवकुमार डहरिया ने बोरे बासी खाकर अपने दिन की शुरुआत की ।आज देशभर में अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भी अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर बोरे बासी तिहार मनाया जा रहा है। राज्य भर में सोमवार को बोरे बासी तिहार की कई तस्वीरे सामने आ रही है। आम जनता आज बढ़ चढ़कर इस तिहार को सेलिब्रेट कर रहे है। छत्तीसगढ़ के मंत्री और विधायक भी श्रमिक दिवस के अवसर पर बोरे बासी का आनंद ले रहे है।

एक मई को अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री अनिला भेंड़िया ने आज श्रमवीरों के सम्मान में बोरे बासी खाकर अपने दिन की शुरूआत की। उन्होंने छत्तीसगढ़ की पारंपरिक चेच भाजी, खेड़ा की सब्जी, आम के अचार और प्याज के साथ बोरे-बासी का स्वाद लिया। मंत्री भेंड़िया ने सभी प्रदेशवासियों और श्रम वीरों को अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस की बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आह्वान पर हम श्रम दिवस को बोरे बासी दिवस के रूप में मना रहे हैं। हम सभी बोरे बासी खाकर श्रम के प्रति अपना सम्मान प्रकट कर रहे हैं।

वही प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मोहन मरकाम श्रमिक दिवस के अवसर पर बोरे बासी खाकर अपने दिन की शुरुआत की। मोहन मरकाम के साथ उनके दो बेटों ने भी बोरे बासी का स्वाद चखा। मोहन मरकाम की पत्नी भी उनके साथ मौजूद रही। मोहन मरकाम ने सोशल मीडिया में इसे शेयर भी किया है। जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा है कि बोरे – बासी के साथ मढिया पेज, कोलियारी भाजी, इमली चटनी, प्याज, मिर्च…सपरिवार हम सब अपने खानपान में श्रम के सम्मान को शामिल कर रहे हैं।