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ISRO ने चिनूक हेलीकाप्टर की मदद से रीयूजेबल लांच व्हीकल का किया सफल परीक्षण, PM ने दी बधाई

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बेंगलुरु। अंतरिक्ष विज्ञान की दिशा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISR0) ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रविवार को इसरो ने सफलतापूर्वक रीयूजेबल लांच व्हीकल आटोनोमस लैंडिंग मिशन (आरएलवी एलईएक्स) पूरा किया। कर्नाटक के चित्रदुर्ग एयरोनाटिकल टेस्ट रेंज में इस परीक्षण को अंजाम दिया गया। इसमें वायुसेना के चिनूक हेलीकाप्टर का प्रयोग किया गया।

अपना स्पेस शटल तैयार करने में मिलेगी मदद

रीयूजेबल लांच व्हीकल (आरएलवी) ऐसे राकेट को कहा जाता है, जो अंतरिक्ष से पृथ्वी (ISR0) पर सुरक्षित तरीके से वापस आने में सक्षम होता है। ऐसे राकेट का बार-बार प्रयोग करना संभव है। इससे भविष्य में भारत को अपना स्पेस शटल तैयार करने में भी मदद मिलेगी। परीक्षण के बाद इसरो ने कहा, इस आटोनोमस लैंडिंग मिशन के साथ भारत के अपने रीयूजेबल लांच व्हीकल के सपने को पूरा करने की दिशा में हमने एक और कदम बढ़ा दिया है।

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अभी इसरो (ISR0) ने आरएलवी की लैंडिंग का परीक्षण किया है। परीक्षण के दौरान उसी प्रकार की परिस्थितियां निर्मित की गईं, जैसी परिस्थिति का सामना किसी राकेट को पृथ्वी पर वापस आते समय करना पड़ता है। आरएलवी को तय समय, गति और स्थान पर लैंड कराने में सफलता मिली है। सेंटर फार मिलिट्री एयरवर्दीनेस एंड सर्टिफिकेशन, एयरोनाटिकल डेवलपमेंट एस्टाब्लिशमेंट और एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टाब्लिशमेंट ने भी इस परीक्षण में अहम भूमिका निभाई।