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इंटरनेट के दौर में भी भगवान अयप्पा को रोज मिलती हैं भक्तों की 150 चिट्ठियां

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कोच्चि। इंटरनेट के दौर में लोगों ने चिट्ठियां लिखना बंद (KOCHI NEWS) कर दिया है, लेकिन अपनी बात भगवान तक पहुंचाने के लिए आज भी भक्त चिट्ठियों का सहारा ले रहे हैं।

केरल में एक डाकघर से रोज दर्जनों चिट्ठियां भगवान अयप्पा, सबरीमला के नाम आती हैं। सबरीमला का 1963 (KOCHI NEWS) में स्थापित डाकघर कोरोना के बाद बंद कर दिया था। इसे 16 नवंबर से दो माह तक चलने वाले मंडला-मकरविलक्कू उत्सव के दौरान फिर खोला गया। पोस्टमास्टर अरुण पीएस ने बताया कि मंदिर के पास स्थित डाकघर में भगवान के नाम रोज 100-150 पत्र आते हैं। इनमें लोग बीमारी या वित्तीय संकट कम करने के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। वहीं शादी, बच्चे के नामकरण या गृह प्रवेश के निमंत्रण भी लोग भेजते हैं।

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पहले भगवान के चरणों में अर्पित

मंदिर के अधिकारियों को सौंपने से पहले पत्र भगवान अयप्पा (KOCHI NEWS)  की मूर्ति के सामने रखे हैं। इसके लिए पोस्टमास्टर अरुण, एक डाकिया व दो मल्टी-टास्किंग कर्मचारी हैं। भगवान अयप्पा को 10 रुपए से 5000 रुपए तक के मनी ऑर्डर भी मिलते हैं। मंदिर में वितरित अरावण प्रसाद को देश के किसी भी डाकघर से ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। सन्निधानम (मंदिर परिसर) का डाकघर ऑनलाइन आदेश मिलने के सात दिन में प्रसाद भेज देता है।