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कोयला खदान का मामला:जमीन भी गई और मुआवजा भी नहीं मिला, नई खदान का विरोध

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अंबिकापुर। 24 साल पहले सूरजपुर के भैयाथान ब्लाक के ग्राम बसकर (AMBIKAPUR NEWS) में कोयला खदान के लिए एसईसीएल ने ग्रामीणों से जमीन तो ली पर उन्हें नौकरी और मुआवजा नहीं दिया। हक की लड़ाई में 24 साल दफ्तरों के चक्कर काटते हुए भू विस्थापितों की एक पीढ़ी बीत गई और कुछ की मौत भी हो गई पर एसईसीएल प्रबंधन तमाशबीन बनी रही और उन्हें न नौकरी दी और न ही मुआवजा।

जानकारी के अनुसार तत्कालिन जनसुनवाई में 14 लोगों को नौकरी देने की बात प्रबंधन ने की थी, लेकिन खदान खुलते ही कंपनी अपनी बात से मुकर गई। ग्रामीणों के अनुसार कुछ लोगों की मुआवजा राशि आई भी, लेकिन नौकरी की मांग पर वे अड़े रहे और मुआवजा नहीं लिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि एसईसीएल ने करीब 30 हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण खदान के लिए की थी। शेष भूमि शासकीय थी, वहीं अब प्रकाश इंडस्ट्रीज भास्करपारा में कोल खदान खोलने जा रही है।

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इसके उसके विरोध में बड़ी संख्या में ग्रामीण लामबंद (AMBIKAPUR NEWS) हो गए है। उन्हें आशंका है कि जिस प्रकार पहले खदान के लिए जमीन लेने के कुछ सालों बाद खदान बंद कर दी गई और उन्हें न ही मुआवजा मिल पाया और न ही जमीन, उसी प्रकार दोबारा ऐसा न हो जाए। पिछली बार जमीन के बादले ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग की तो प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें गुमराह करने के सिवाय कुछ नहीं दिया। अंत में ग्रामीण कोर्ट में चले गए और मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

उपजाऊ भूमि में खुली खदान न खदान रहीं और न जमीन

भैयाथान ब्लॉक के ग्राम बस्कर के पड़ोसी जिला कोरिया में एसईसीएल ने 1996 में भास्करपारा भूमिगत खदान की शुरुआत की। इसके लिए बस्कर के आदिवासियों की उपजाऊ बहरा खेत का अधिग्रहण भूमिगत खदान के लिए हुआ था। भू-स्वामी पहले उस जमीन पर धान की खेती करते थे, पर खदान के बाद न खेत बचे और न ही उन्हें मुआवजा मिला।

चार लोगों के साथ कई पशुओं की हो चुकी मौत

भास्कर पारा खदान खोलने दो मुहाना बनाया था, जहां खोदे गड्ढे में 40 फीट पानी भरा है, जिसमें अब तक 4 मौतें हो चुकी है। 1999 में एक नाबालिग, 2001 में 28 वर्षीय सुशीला और उसका नाबालिग बेटा सहित 2017 में नहाने गए मजदूर इसमें डूब चुके हैं। साथ ही मुहाना का घेराव नहीं होने से गड्ढे का आभास नहीं होने से लोगों व पशुओं की मौत हो रही है।

मुझे इसके बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है

सूरजपुर कलेक्टर इफ्तर आरा ने बताया कि भैयाथान (AMBIKAPUR NEWS) के बस्कर में किसानों का भू-अर्जन हुआ था या नहीं इसकी जानकारी मुझे नहीं है। इस संबंध में एसईसीएल से ही जानकारी मिल पाएगी। मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। वहीं एसईसीएल पीआरओ सनीश चंद्रा ने बताया की चुकी मामला पुराना है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। अधिकारियों से रिकॉर्ड मंगाया है, टीम को उतना पुराना रिपोर्ट नहीं मिल पा रहा है। इसमें थोड़ा समय लगेगा। अभी अधिकारी दूसरे कामों में व्यस्त हैं।