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चौक-चौराहों पर झांकी-पंडाल तैयार, विघ्न हरने 31 को आ रहे हैं बप्पा

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रायपुर। गणेश भगवान 31 अगस्त (RAIPUR NEWS) को आ रहे हैं। 10 दिन वे अपने भक्तों के बीच बिताएंगे। शहर में इसके लिए भव्य रूप से तैयारियां की जा रहीं हैं। पंडाल सज गए हैं। मूर्तिकार भी मूर्तियों को अंतिम रूप देने में पूरी मेहनत के साथ जुट गए हैं। 2 साल बाद यह पहला मौका होगा जब भक्त बिना किसी बंदिश के भगवान के दर्शन कर सकेंगे।

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दरअसल, बुधवार को गणेश चतुर्थी है। इस अवसर पर शहरभर में भगवान की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। इसके लिए गली-मोहल्लों से लेकर मैदानों तक पंडाल सजने लगे हैं। 2020 के बाद यह पहला मौका होगा जब शहर में गणेशोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। वो इसलिए क्योंकि पिछले 2 साल कोरोना के भय में बीते। कोरोना संबंधी गाइडलाइन की वजह से भी उत्सव फीका रहा। हालांकि, इस बार न तो कोरोना (RAIPUR NEWS)  का भय है और न ही किसी तरह की बंदिश। ऐसे में भक्त इस बार धूमधाम से गणेशोत्सव मनाने की तैयारी में हैं। ज्यादातर इलाकों में पंडाल बनाने का काम पूरा हो चुका है। कई पंडालों में तो मूर्तियां पहुंच भी चुकी हैं। स्थापना तक इन्हें लाल कपड़े से ढंककर रखा जाएगा। बुधवार शाम तक प्राण-प्रतिष्ठा के बाद भक्तों के दर्शनार्थ भगवान की मूर्ति से लाल कपड़ा हटा दिया जाएगा।

रवि योग में विराजेंगे बप्पा, अशुभ प्रभावों को करेंगे नष्ट

ज्योतिषी पं. विनीत शर्मा ने बताया कि भाद्र शुक्ल की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी भी कहा जाता है। चतुर्थी तिथि 30 अगस्त को दोपहर 3.34 बजे शुरू हो जाएगी, जो अगले दिन यानी 31 अगस्त (RAIPUR NEWS)  को दोपहर 3.23 बजे तक रहेगी। चूंकि तिथियां उदयाकाल में मान्य होती हैं, इसलिए गणेशजी की स्थापना के लिए बुधवार का दिन शुभ रहेगा। उन्होंने बताया कि विघ्नहर्ता इस बार अपने साथ रवि योग भी लेकर आ रहे हैं। इस योग के बारे में कहा जाता है कि इसमें सभी अशुभ योगों के प्रभाव को नष्ट करने की क्षमता होती है।

ऐसे करें मूर्ति की स्थापना

  • गणेशजी को घर लाने के पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में स्नानादि कर लें। मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा घर लाएं।
  • प्रतिमा को चौकी पर लाल आसन बिछाकर स्थापना करें। उसके समक्ष बैठें और पूजा प्रारंभ करें।
  • गंगा जल से पार्वती नंदन का अभिषेक करें। फिर उन्हें अक्षत, फूल, दूर्वा आदि अर्पित करें।
  • पूजा के बाद गणेश जी को प्रिय मोदक का भोग जरूर चढ़ाएं। इसके बाद धूप, दीप से आरती करें।
  • गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा के दर्शन करना निषेध है। इसलिए कोशिश करें कि इस दिन चांद न देखें।