spot_img

onion price : प्याज पर कोहराम, सरकार का फ़रमान…अब कलेक्टर करेंगे निगरानी

HomeCHHATTISGARHonion price : प्याज पर कोहराम, सरकार का फ़रमान...अब कलेक्टर करेंगे...

रायपुर। देशभर में बढ़ती प्याज की कीमत (onion price) ने लोगो की आँखों से आंसू कम जेबों से नोट ज़्यादा निकलवा लिए है। प्याज की बढ़ती कीमतों पर देशभर में कोहराम मचा हुआ है। इस बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने प्याज की उपलब्धता एवं बाजार भाव की निगरानी के लिए सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किए है। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को उनके जिले में प्याज की उपलब्धता तथा खुदरा बाजार मूल्य की निगरानी एवं पर्यवेक्षण के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

भैयाजी ये भी देखे –Big Breaking : कॉलेजों में प्रवेश की तारीख़ बढ़ी,अब 29 अक्टूबर…

जिला कलेक्टरों को जारी निर्देश में कहा गया है कि राज्य स्तरीय प्राईस मॉनिटरिंग सेल में जिलों से आवश्यक वस्तुओं के बाजार भाव के विश्लेषण से स्पष्ट हुआ है कि विगत 01 माह में प्याज की कीमत (onion price) के खुदरा बाजार मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि परिलक्षित हो रही है। सभी जिला कलेक्टर जिले में प्याज की उपलब्धता तथा खुदरा बाजार मूल्य की निगरानी एवं पर्यवेक्षण हेतु सतत कार्यवाही सुनिश्चित करें।

प्याज की उपलब्धता एवं मांग का आंकलन

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि प्याज के थोक एवं खुदरा व्यापारियों की तत्काल बैठक लेकर जिले में प्याज की उपलब्धता एवं मांग का आंकलन कर आवश्यकता अनुसार प्याज की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

जिला स्तर पर प्याज की दैनिक आवक एवं खपत की नियमित समीक्षा की जाए। अन्य राज्यों से प्याज के आयात, परिवहन एवं भंडारण संबंधी कोई समस्या हो तो इसका तत्काल निराकरण किया जाए। थोक व्यापारियों के विक्रय स्थल पर प्रतिदिन प्याज का उपलब्ध स्टॉक एवं थोक विक्रय मूल्य की जानकारी अनिवार्य रूप से प्रदर्शित कराई जाए।

स्टाक लिमिट का भी माँगा प्रस्ताव

कलेक्टरों को कहा गया है कि जिले में उपलब्ध प्याज (onion price) के थोक एवं खुदरा बाजार भाव का प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि आम लोगों को इस संबंध में जानकारी उपलब्ध हो सके और खुदरा व्यापारी अनावश्यक अधिक मूल्य पर प्याज का विक्रय न कर सकें।

इसके अतिरिक्त आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 की धारा 3 (क) के प्रावधानों के अंतर्गत कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत स्टाक लिमिट की आवश्यकता होने पर राज्य शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया जाए। निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि उपरोक्तानुसार कार्यवाही सुसंगत अधिनियमों के अंतर्गत सुनिश्चित की जाए।