spot_img

देश में सबसे ज्यादा तंबाकू एडिक्ट बच्चे छत्तीसगढ़ में, 7% ने 15 साल की उम्र से पहले की शुरुआत

HomeCHHATTISGARHBILASPURदेश में सबसे ज्यादा तंबाकू एडिक्ट बच्चे छत्तीसगढ़ में, 7% ने 15...

बिलासपुर। बिलासपुर में गुटखा और तंबाकू सेवन से मुंह के कैंसर के रोगियों (BILASPUR NEWS) की संख्या लगातार बढ़ रही है। स्थिति यह है कि CIMS के कैंसर ओपीडी में प्रतिमाह 30 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं, जो मुंह के कैंसर संबंधित हैं। उनमें गला, जीभ और जबड़े के साथ ही तालू के कैंसर के लक्षण मिले हैं। डॉक्टरों ने तंबाकू सेवन करने वाले ज्यादातर मरीजों को जानलेवा कैंसर की बीमारी घेर रहा है।

इधर, CIMS के डेंटल विभाग में भी मुंह के कैंसर के कई मरीजों का जबड़ा निकालकर ऑपरेशन करना पड़ा है। इसकी वजह भी तंबाकू ही है। डॉक्टरों ने बताया कि तंबाकू, गुटखा, धूम्रपान सेवन से दूर करने के लिए जिला अस्पताल सहित सिम्स में मरीजों की काउंसिलिंग कर उन्हें जागरूक किया जाता है। इन दिनों तंबाकू और गुटका के सेवन से अस्पताल की ओपीडी में मसूड़ों की समस्या, दांतों में दर्द, सड़न, मुंह में बदबू आना, पायरिया के सबसे अधिक मरीज आते हैं।

भैयाजी ये भी देखें : छत्तीसगढ़ से राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन भरेंगे पर्चा, कांग्रेस के भारी बहुमत के दम पर निर्विरोध जीतना तय

छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा बच्चे करते हैं तंबाकू का सेवन

छत्तीसगढ़ में तंबाकू की लत से बच्चे भी नहीं बच पा रहे हैं। भले ही सरकार ने गुटखा बेचने पर पाबंदी लगा रखी हो, लेकिन पान मसालों और अन्य माध्यम से इसे धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (BILASPUR NEWS)  के अनुसार छत्तीसगढ़ में 39.1 प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। यह देश की औसतन 28.4 प्रतिशत से अधिक है। इसमें 7 प्रतिशत लोग ऐसे थे, जिन्होंने 15 वर्ष की उम्र से पहले ही तंबाकू का सेवन शुरू कर दिया था। 29 प्रतिशत ने 15-17 वर्ष की उम्र से और 35.4 प्रतिशत ने 18-19 वर्ष में सेवन शुरू किया है। औसतन 18.5 वर्ष की आयु में तंबाकू का सेवन शुरू किया था। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 14 साल से कम आयु वर्ग में तंबाकू, सिगरेट का सेवन भारत में सर्वाधिक है।

नियमित कार्रवाई नहीं होने से हैं बेखौफ

कोटपा एक्ट में सख्त प्रावधान है। सरकारी स्कूलों से 100 मीटर के दायरे में पान ठेले नहीं लगाए जा सकते, सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करना प्रतिबंधित है, दफ्तरों में तंबाकू और इससे बने उत्पाद जैसे बीड़ी-सिगरेट का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है। बावजूद इसके इन पर रोक नहीं लग पा रही है। प्रत्येक जिले में जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के नेतृत्व में कार्रवाई दल गठित है। मगर नियमित कार्रवाई न किए जाने की वजह से भय पैदा नहीं हो रहा है।

घातक है बीमारी, इसलिए किया जाता है जागरूक

देश, प्रदेश के साथ ही जिले (BILASPUR NEWS)  में भी तंबाकू के कारण कैंसर के मरीज बढ़ रहें है। भारत तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है। लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्बारा तंबाकू निषेध दिवस प्रतिवर्ष 31 मई को मनाया जाता है, जिससे कि पूरे विश्व का तंबाकू से फैलाई गई महामारियों की ओर ध्यान आकर्षित कर सके। इसके लिए मंगलवार को भी स्वास्थ्य विभाग जिले में सेंट्रल जेल सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर तंबाकू छोड़ने के लिए लोगों को जागरूक करेंगें।

गुटखा, तंबाकू सेवन से बढ़े मुंह के कैंसर रोगी

सिम्स के कैंसर विभागाध्यक्ष डॉ. चंद्रहास ध्रुव ने बताया कि मुंह के कैंसर संबंधित मरीजों की संख्या प्रतिमाह 30 से अधिक है। इसमें प्रमुख रूप से गले के कैंसर जीभ के कैंसर तालू के कैंसर, जबड़े का कैंसर शामिल है। गुटखा, तंबाकू के सेवन के चलते मुंह के कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ओपीडी में हर दिन 5 से 7 लोग ऐसे लोगों की पहचान होती है, जो मुंह के कैंसर के प्राइमरी स्टेज में होते हैं। वहीं, हर दिन दो मरीज कैंसर के तीसरे या चौथे स्टेज में होते हैं। मुंह में ज्यादा दिक्कत न होने की वजह से बीमारी का लोगों को देर से ही पता चलता है।

पुरुषों के साथ ही महिलाएं भी ले रहीं काउंसलिंग

जिला अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र (BILASPUR NEWS)  में जनवरी 2021 से अप्रैल 2022 तक कुल 2320 मरीज काउंसलिंग के लिए पहुंचे। इसमें 83 प्रतिशत यानी 1926 पुरुष और 17 प्रतिशत 395 महिलाओं ने जांच कराई। इसमें बीड़ी सेवन करने वाले 153, सिगरेट का सेवन करने वाले 165, खैनी का सेवन करने वाले 149, गुड़ाखू का सेवन करने वाले 382 और गुटका का सेवन करने वाले 362 लोग शामिल हैं। एक साल में 2320 लोगों ने तंबाकू नशा मुक्ति केंद्र में नि:शुल्क काउंसलिंग लिया। डॉक्टरों की समझाइश के बाद एक साल में इनमें से 14 लोगों ने तंबाकू छोड़ा है।