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कांग्रेस की चुनावी तैयारी: टिकट उसी को, जो जिताए और कट्‌टर कांग्रेसी हो, इसके अलावा किसी मापदंड पर विचार नहीं

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भोपाल। कांग्रेस (CONGRESS) ने निकाय चुनाव में प्रत्याशी चयन के मापदंड तय कर दिए हैं। इसमें दो ही कसौटी पर उम्मीदवार परखे जाएंगे। एक वह क्षेत्र में जीतने वाला लोकप्रिय चेहरा हो और दूसरा- पार्टी का खांटी और कट्‌टर कार्यकर्ता हो। प्रदेश संगठन ने साफ कर दिया है कि इसके अलावा किसी मापदंड पर विचार नहीं होगा।

टिकट चयन के लिए जिले से लेकर प्रदेश कांग्रेस तक जिम्मेदारियां भी तय कर दी गई हैं। यह भी कहा गया है कि 50 प्रतिशत महिलाओं के मामले में भी क्राइटेरिया का पालन हो। आरक्षण के हिसाब से महिला उम्मीदवारों के चयन में लगनशील, सक्रिय एवं उस क्षेत्र में लोकप्रिय चेहरों को टिकट दिया जाए।

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वरिष्ठ उपाध्यक्ष के नेतृत्व में निगरानी

जिला कांग्रेस (CONGRESS)  कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। पीसीसी में प्रदेश भर के 52 जिलों के 313 विकासखंड का कंट्रोल रूम होगा जहां से पीसीसी चीफ समेत उनकी टीम निगरानी करेगी। एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष के नेतृत्व में पूरे प्रदेश की स्थिति पर नजर रखी जाएगी। कोशिश की जाएगी कि प्रत्याशियों के बीच आम सहमति बन जाए। जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को जिताने की कोशिश की जाएगी। प्रत्याशी का चयन और अच्छे परिणाम की जिम्मेदारी जिला अध्यक्षों एवं स्थानीय नेताओं को सौंपी गई है।

गोपनीय सर्वे के साथ सर्वानुमति

पार्षद प्रत्याशियों का चयन जिला स्तर पर गठित समिति द्वारा किया जाएगा। समिति अपने सदस्यों से गोपनीय सर्वे कराकर निर्णय लेंगी। समितियां सर्वानुमति से प्रत्याशियों का नाम तय कर सूची पीसीसी को भेजेंगी। प्रत्येक जिले के लिए एक वरिष्ठ नेता को प्रभारी मनोनीत किया जाएगा। नाै संभागीय प्रभारी भी बनाए गए हैं। नगर निगम, नगरपालिका और नगर परिषद में 27 प्रतिशत टिकट ओबीसी को दिए जाएंगे।

25% ओबीसी आरक्षण को शिवराज ने 12% कर दिया- कमलनाथ

​​​​​​​पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि ओबीसी को 29 साल से 25 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था। इसे घटाकर शिवराज सरकार ने 12 प्रतिशत कर दिया। नाथ (CONGRESS) ने कहा कि प्रदेश में जिला पंचायत सदस्य के 875 पद हैं, जिनमें से इस चुनाव में मात्र 98 पद ओबीसी के लिए आरक्षित हैं। 19 जिलों में ओबीसी के लिए एक भी जिला पंचायत सदस्य का पद सुरक्षित नहीं रखा गया। जनपद अध्यक्ष के 313 पद में से सिर्फ ओबीसी के 30 पद सुरक्षित हैं, जो कुल पदों का 9.5 प्रतिशत है।