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2 करोड़ आदिवासियों को साधेंगे शाह, 827 वन ग्राम को मिलेगा राजस्व ग्राम का दर्जा

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भोपाल। देश के गृह मंत्री अमित शाह (AMIT SHAH) शुक्रवार को 8 घंटे 10 मिनट भोपाल में बिताएंगे। वे सुबह 10:30 बजे राजा भोज एयरपोर्ट पर उतरेंगे। शाह इस एक दिन के दौरे में तीन कार्यक्रम करेंगे। इसमें से दो कार्यक्रम सबसे अहम हैं। पहला- दोपहर 2:30 बजे जंबूरी मैदान में तेंदूपत्ता संग्राहकों का सम्मेलन और दूसरा- शाम 4:45 बजे लिंक रोड नंबर दो से भाजपा कार्यालय तक का दो किमी लंबा रोड शो होगा।

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दोनों कार्यक्रमों को 2023 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। प्रदेश की 2 करोड़ आबादी आदिवासी है और 230 विधानसभा सीटों में से 87 पर आदिवासी वोटर (AMIT SHAH) सबसे ज्यादा हैं। तेंदूपत्ता सम्मेलन में 35 लाख संग्राहकों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की जाएंगी। इनमें सबसे प्रमुख घोषणा 827 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में बदलने की होगी। इसके अलावा तेंदूपत्ता संग्राहक और टिंबर, बांस के उत्पादन पर 122 करोड़ रु. के बोनस काे भी बांटेंगे। इस कार्यक्रम में एक लाख जनजातीय वर्ग मौजूद रहने की उम्मीद है। सम्मेलन में 7 केन्द्रीय मंत्री मौजूद रहेंगे।

जनजातीय वर्ग को ये सौगातें भी मिलेगी

प्रदेश में अभी तेंदूपत्ता संग्राहकों को 70 फीसदी बोनस मिलता है। नई घोषणा में पेसा अधिनियम के अनुसार तेंदूपत्ता विक्रय से होने वाले लाभ पर 75 प्रतिशत संग्राहक को, 10 प्रतिशत राशि संग्राहकों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए, 10 फीसदी राशि वन क्षेत्रों में लघु वनोपज प्रजातियों के संरक्षण पर और 5 प्रतिशत ग्राम सभाओं को दी जाएगी।

शिवराज कल दिल्ली में प्रधानमंत्री से मिलेंगे

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। पीएमओ से मुख्यमंत्री को शनिवार दोपहर का समय मुलाकात के लिए तय मिला है। मुख्यमंत्री शुक्रवार रात या शनिवार सुबह दिल्ली के लिए रवाना होंगे। प्रदेश के 29 जिलों में 925 वन ग्राम हैं।

वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 के तहत केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को जनवरी 2002 और जनवरी 2004 में शासन ने इनमें से 827 वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों (AMIT SHAH) में बदलने के लिए प्रस्ताव भेजे थे। इनमें से 310 गांवों को सैद्धांतिक सहमति मिल गई थी, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट से इस पर रोक लग गई। अब राज्य शासन ने सारी विसंगतियां दूर करने के बाद राजस्व ग्राम बनाने का फैसला लिया है। इससे ये गांव पंचायतों के अधीन आ जाएंगे।