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अजय चंद्राकर का तंज़, 24 घंटे वाले मुख्यमंत्री तुरंत लागू करें 27 फीसदी OBC आरक्षण

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रायपुर। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार को उन्ही की घोषणाओं पर घेरा है। चंद्राकर ने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री ने हाल ही में जगदलपुर में एक सभा की थी। इस सभा से तमाम पिछड़ा वर्ग के लोगो ने उनकी सभा का बहिष्कार किया है।

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चंद्राकर ने आगे कहा कि “15 अगस्त 2019 के भाषण में आरक्षण की घोषणा की थी। तब सरकार ने अध्यादेश लागू करने की बात कही थी, लेकिन बाद में कांग्रेस से जुड़े एक कार्यकर्ता कोर्ट चले गए।”

अजय चंद्राकर ने कहा कि “उच्च न्यायालय के निर्देश पर क्वांटिफ़ाइबल डाटा आयोग बनाया। अब हमारी माँग है कि आयोग का काम जब पूरा हो गया है, तो उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए, 24 घंटे में काम करने वाले मुख्यमंत्री जी तुरंत अध्यादेश जारी कर ओबीसी को 27 फ़ीसदी, एसटी का 13 फ़ीसदी और सवर्ण के लिए 10 फ़ीसदी का आरक्षण लागू करना चाहिए।” उन्होंने आगे ये भी कहा कि यदि क्वांटिफ़ाइबल डाटा की रिपोर्ट ग़लत है, तो इसे स्वीकार करना चाहिए, और कार्यवाही करनी चाहिए।

शिक्षक भर्ती और शिक्षा कर्मी पर भी घेरा

पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि “छत्तीसगढ़ में रोज़गार के नाम पर शराब बेचना और पीना सिखाया जा रहा है। सरकार की पत्रिका में 14 हज़ार 500 शिक्षकों की भर्ती का ज़िक्र किया गया है, जबकि अभी भी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती पूरी नहीं हुई है। चंद्राकर ने इस संबंध में विधानसभा में प्रश्नोत्तरी के एक जवाब का जिक्र करते हुए बताया कि अभी भी इस प्रक्रिया में 2548 और 2209 पदों पर भर्ती पूर्ण हो चुकी है, वही 3295 पदों पर नियुक्ति अभी प्रक्रियाधीन है।

चंद्राकर का सवाल कौन सी जानकारी सही

चंद्राकर ने आगे कहा कि सरकार ने विधानसभा में ये जवाब दिया कि वित्त विभाग ने 40 हजार 35 पदों पर स्वीकृति दी है। ये स्वीकृति पिछले साढ़े तीन सालों में दी गई है, लेकिन इतनी भर्ती नहीं हुई है।

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आरक्षण और रोज़गार के मामले में सरकार ये स्पष्ट करे कि विधानसभा में दी गई जानकारी सही है या सरकार की पत्रिका में छपी जानकारी सही है ?