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कर्नाटक में फंसे 19 मजदूरों की हुई वापसी, पहुंचकर बोले- बासी खाना खिलाते थे…

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सुकमा। सुकमा जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को एक बड़ी सफलता मिली है। कलेक्टर विनीत नन्दनवार की पहल से कर्नाटक में फंसे बंधुआ मजदूरों को कुशलता पूर्वक उनके गृह राज्य वापिस ला लिया गया है। सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा और बस्तर जिले के कुछ युवा अधिक आय के लालच में मजदूरी करने कर्नाटक राज्य के सागरा गए थे।

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वहाँ अधिक मजदूरी तो दूर की बात है, पूरी पारिश्रमिक भी नहीं मिल रही थी। इसकी शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए टीम गठित कर इन मजदूरों को सफलतापूर्वक वापिस लाने की प्रक्रिया पूरी की गई।
कर्नाटक राज्य क जिला सिमोगा के सागरा में फंसे 19 श्रमिकों को अपने गृह राज्य आकर राहत मिली है।

श्रमिकों ने बताया कि वे कर्नाटक में निर्माण कार्य करने गए हुए थे। जिसके लिए पुरुषों को 12 हजार रुपए और महिलाओं को 10 हजार रुपए प्रति महीने की दर से पारिश्रमिक देने की बात कही गई थी। श्रमिकों से 12 घंटे से अधिक काम लिया जाता रहा और बदले में पारिश्रमिक भी नहीं दिया गया। पिछले 02 महीनों से श्रमिकों से बिना वेतन के काम लिया जा रहा था। इसके अलावा रोजमर्रा के खर्च के लिए भी पैसे नही दिए गए और बासी खाना दिया जाता रहा।

घर वालों ने मदद की गुहार

सुकमा के बंडा निवासी श्रमिक गंगा कवासी ने बताया कि जनवरी माह में अपने साथियों के साथ वे मिर्ची तोड़ने का काम करने भद्राचलम गए थे। जहां से उन्हें अच्छे परिश्रमिक झांसा देकर कर्नाटक ले जाया गया। ठेकेदार द्वारा उन्हे अपने घर वापस नहीं आने दिया गया ना ही वेतन दिया गया। श्रमिकों ने फोन के माध्यम से अपने परिवारजनों और प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत कराया और मदद की गुहार लगाई। अब सकुशल अपने गृह ग्राम आकर उन्हे बेहतर लग रहा है। श्रमिकों ने अपनी सकुशल वापसी के लिए कलेक्टर एवं जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।

स्थानीय रोजगार और योजनाओं का देंगे लाभ

श्रमिकों की घर वापसी पर कलेक्टर विनीत नन्दनवार ने उनसे कर्नाटक में हुई समस्याओं के बारे में पूछा। उन्होंने श्रम विभाग को प्राथमिकता से इन श्रमिकों का भवन एवं अन्य सन्निर्माण कार्य मण्डल अंतर्गत पंजीयन कर संबंधित योजनाओं का लाभ प्रदाय करने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही श्रमिकों को स्थानीय रोजगार में संलग्न करने को कहा।

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उन्होंने श्रमिकों से समस्याएं जानी और यहीं रहकर ही कृषि तथा अन्य कार्यों करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके साथ ही श्रमिकों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत लाभ प्रदाय करने हेतु सीईओ जिला पंचायत को निर्देशित किया है।