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यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर

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दिल्ली। रूस-यूक्रेन संकट (Russia-Ukraine crisis) को सर्वोच्च न्यायालय में पहुंच गया। कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें केंद्र सरकार को युद्ध प्रभावित यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों और नागरिकों को निकालने में तेजी लाने का निर्देश देने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका में मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की गई है।

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याचिका में रूसी बलों के घातक आक्रमण के बीच यूक्रेन में फंसे लोगों के लिए चिकित्सा और खाद्य आपूर्ति सहित आपातकालीन सामानों की आपूर्ति की भी मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने जोर देकर कहा कि भारतीय नागरिकों को वापस लाना सरकार की जिम्मेदारी है।

सरकार से मदद की गुहार लगा रहे

जनहित याचिका में कहा गया “हमारे देश के हर राज्य के छात्र यूक्रेन (Russia-Ukraine crisis) में फंसे हुए हैं और उनके परिवार के सदस्य सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। सरकार की जिम्मेदारी है कि वह न केवल अपने देश में बल्कि विदेशों में अपने नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करे, खासकर जब नागरिक असहाय हैं और परिवहन के सभी साधन बंद हैं। सरकार को कई कूटनीतिक उपाय अपनाना होगा।”

तमिलनाडु, कर्नाटक और हरियाणा सहित राज्य सरकारों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर केंद्र से भारतीय नागरिकों को निकालने की प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया है। आंध्र प्रदेश, केरल, पंजाब, उत्तराखंड और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों ने भी संकटग्रस्त राष्ट्र में नागरिकों की सुरक्षित वापसी का अनुरोध करते हुए प्रधान मंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय से संपर्क किया है।

भारतीय नागरिकों को परामर्श किया जारी

इस बीच, कीव में भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में रहने वाले भारतीय छात्रों और नागरिकों (Russia-Ukraine crisis) के लिए एक एडवाइजरी जारी की। रूसी हमले के बीच यूक्रेन ने मार्शल लॉ की घोषणा की है, जिससे देश में यात्रा करना मुश्किल हो गया है। भारतीय दूतावास ने दावा किया कि वे कीव में फंसे छात्रों को समायोजित करने के लिए स्थानीय प्रतिष्ठानों के संपर्क में हैं।