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कांग्रेस अब अपने ही बड़बोले वादों के बोझ तले दबती जा रही है : बृजमोहन

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रायपुर। भाजपा के पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल (BRIJMOHAN AGARWAL) ने कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब अपने ही बड़बोले वादों के बोझ तले दबती जा रही है। प्रदेश का हर वर्ग वादे पूरा करने के लिए बार-बार आंदोलन करके भूपेश-सरकार को झकझोरने के लिए विवश हो रहा है और प्रदेश सरकार अपने ख़िलाफ़ उठ रही हर आवाज़ को दबाने में लगी है।

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उन्होंने कहा कि राजधानी में बस्तर संभाग के नक्सली क्षेत्रों समेत बिलासपुर संभाग में पदस्थ पुलिस कर्मियों के परिजनों के आंदोलन और उस दौरान आंदोलित परिजनों के साथ डंडे के ज़ोर पर की गई बदसलूकी प्रशासन तंत्र के बेज़ा इस्तेमाल की सबसे कलंकपूर्ण घटना है। पूर्व मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार अब अपने ही बड़बोले वादों के बोझ तले दबती (BRIJMOHAN AGARWAL) जा रही है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के समय कांग्रेस ने प्रदेश के हर वर्ग के लोगों को सब्जबाग दिखाए थे, लेकिन वादाख़िलाफ़ी करके कांग्रेस की भूपेश-सरकार ने सबके साथ धोखा और छलावा किया।

आंदोलित महिलाओं के साथ बदसलूकी

बृजमोहन अग्रवाल (BRIJMOHAN AGARWAL) ने कहा कि पुलिस कर्मियों से किए गए वादे पूरे नहीं होते देख उनके परिजन जब अपनी मांगों को लेकर सोमवार को राजधानी की सड़कों पर उतरे तो पुरुष पुलिस कर्मियों ने आंदोलित महिलाओं के साथ ऐसी बदसलूकी की कि महिलाओं की साड़ियाँ फट गईं, चूड़ियाँ टूट गईं। धक्का-मुक्की करके उन्हें अस्थायी जेल में बंद करके रखा गया। यह प्रदेश सरकार के सत्ता-मद का सबसे शर्मनाक प्रदर्शन है।

पुलिस परिजनों के इस आंदोलन को लेकर प्रदेश सरकार का गर्हित आचरण यह साफ़ करता है कि प्रदेश सरकार अपने वादे पूरे करने में पूरी तरह निकम्मी साबित हुई है। अपने कार्यकाल के तीन साल बीत जाने के बाद प्रदेश सरकार बदहवास हो चली है क्योंकि कांग्रेस की प्रदेश सरकार को उसके वादे पूरा करने के लिए बाध्य करने प्रदेश का हर तबका अब सड़क पर उतरने लगा है। देश में यह संभवत: पहला उदाहरण ही होगा कि पुलिस कर्मियों के परिजन अपनी मांगों को लेकर पुलिस मुख्यालय घेरने के लिए विवश हुए हों।

सड़क पर उतरने को विवश न हो जाएँ

भाजपा पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पुलिस जवानों के ये आंदोलित परिजन वेतनमान, ड्यूटी के घंटों और साप्ताहिक अवकाश आदि के मामले में व्याप्त विसंगतियों को दूर कर न्याय की चाह रखते हैं। यही पीड़ा प्रदेशभर में हर वर्ग की है। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार के कानों पर तो तब तक जूँ नहीं रेंगती जब तक कि लोग अपने साथ हो रहे अन्याय और प्रदेश सरकार को उसके वादे पूरा करने के लिए सड़क पर उतरने को विवश न हो जाएँ। कोरोना संक्रमण के भयावह दौर में भी प्रदेश सरकार ने किसानों, सफाई कर्मियों, चिकित्सकों, नियुक्ति पाने के लिए शिक्षक अभ्यर्थियों को आंदोलन के लिए विवश कर चुकी इस नाकारा प्रदेश सरकार ने अपने एक भी वादे पर ईमानदारी से काम नहीं किया है।