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दोषी पुरुष को बचाने के बजाय सजा दिलाने महिलाएं आगे आए : डॉ. नायक

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रायपुर। छत्‍तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक (Dr. Kiranmayi Nayak) द्वारा शास्त्री चौक स्थित आयोग कार्यालय रायपुर में गुरुवार को 20 प्रकरणों पर सुनवाई किया गया। इसमें पांच मामलों को नस्तीबद्ध करते हुए बचे प्रकरणों को आगामी सुनवाई में रखा गया है।

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गुरुवार की सुनवाई के दौरान (Dr. Kiranmayi Nayak) एक प्रकरण में उभयपक्षों को सुना गया, जिसमें अनावेदिका के पति को लेकर आवेदिका पर शक करती है, इस कारण से दोनो के मध्य विवाद है। अनावेदिका ने स्वीकार किया कि उसके पति की गलती है तथा उसने माफी भी मांगी और यह कहा कि वह अपने पति को नही छोड़ सकती। दोनों को समझाया गया कि एक दूसरे के जीवन मे दखलंदाजी न करें। भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति होती है तो आवेदिका थाना में रिपोर्ट दर्ज कराए। दोषी पुरुष को सबक सिखाने की जगह अगर महिलाएं एक दूसरे से लड़ेगी तो इसका फायदा हमेशा पुरुष ही उठाते है। दोनो पक्षो को समझाने के बाद इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

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मानसिक प्रताडऩा के एक प्रकरण में सास आवेदिका है और बहू को अपने साथ रखने के लिए माह जुलाई में आयोग (Dr. Kiranmayi Nayak) में आवेदन प्रस्तुत किया था, अनावेदिका बहु ने अपने पति और सास के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज करा चुकी है। जिसपर धारा 155 के तहत न्यायालय जाने की सलाह दिया गया। यह प्रकरण न्यायालय में प्रक्रियाधीन होने के कारण नस्तीबद्ध किया गया। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका और अनावेदक ने आपस मे विवाह नही किया है। उनका 13 साल का पुत्र है जो कि पहले आवेदिका के साथ रह रहा है। बच्चे के हित में इस प्रकरण में अनावेदक के खिलाफ कोई कड़ी कार्यवाही किये जाने से बच्चे के भविष्य पर विपरीत असर पड़ेगा। दोनो को हिदायत देकर मामला नस्तीबद्ध किया गया।