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कांकेर के शिक्षक का कमाल, शाला भवन हुआ जर्जर तो घर को बनाया स्कुल

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कांकेर। माओवाद की समस्या से जूझ रहे कांकेर जिले में एक शिक्षक (teacher) ने ज्ञान का दिप अब अपने घर से ही जलाने की ठानी है। जिले के ऊपरकामता गांव में एक शिक्षक ने अपने निज निवास को ही स्कुल में तब्दील कर दिया है। शिक्षा की अलख जगा रहे शिक्षक मंगल राम उसेंडी ने ये कारनामा किया है।

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गाँव के लोग बताते है कि ऊपरकामता गांव में पिछले ढाई साल से शिक्षक (teacher) मंगल राम उसेंडी के घर में ही बच्चों का स्कूल चलता है। जहां कमरों और ब्रांडों में कक्षाएं लगती है वहीं घर का आंगन बच्चों के लिए खेल का मैदान बना है। प्राथमिक स्क्कुल के सहायक शिक्षक मंगल राम उसेंडी ने ये कदम बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए लिया है। जिसमें ग्रामीण भी भरपूर सहयोग करते है।

दरअसल गांव के प्राथमिक स्कूल का भवन बेहद जर्जर स्थिति में है, जिसे सुधारने की अर्ज़ी यहाँ के ग्रामीणों ने कई मर्तबा जिला मुख्यालय में बैठे अफसरों को सौपी है। बावजूद इसके अब तक कोई पहल नहीं हो पाई सो शिक्षक ने ही खुद के घर को स्कुल में तब्दील करने का फैसला किया।

बकौल शिक्षक (teacher) मंगल राम उसेंडी “ऊपरकामता गांव में एक प्राइमरी स्कुल है। जिसकी हालत बेहद खराब है। जर्जर हो चुके इस भवन में बच्चों को पढ़ाना मुनासिब नहीं था, इससे पहले यहाँ के मिडिल स्कूल में संयुक्त क्लास लगाई जा रही थी, लेकिन वहां भी कोरोना के कारण एक साथ बैठना संभव नहीं हो पा रहा है। जिसके बाद बच्चों को अपने घर पर शिक्षा देने का फैसला किया।”

नक्सल प्रभावित है गांव “ऊपरकामता”

मंगल राम ने कहा कि “प्राथमिक पाठशाला में 30 बच्चे पढ़ाई करते है। कांकेर जिले का ऊपरकामता इलाका नक्सल प्रभावित है।

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वहीं इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी आरएस देवांगन ने बताया कि “ऊपरकामता प्राथमिक पाठशाला भवन की मरम्मत के लिए प्रपोजल तैयार कर भेजा गया है। कोविड गाइडलाइन के तहत मोहल्ला क्लास लगने की वज़ह से शिक्षक घर में बच्चों को पढ़ा रहे है।