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International Tiger Day : छत्तीसगढ़ में 21 सालों में 30 बाघ का शिकार

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रायपुर। पूरे विश्व आज इंटरनेशनल टाइगर्स डे (International Tiger Day ) मना रहे है। विश्व के साथ छत्तीसगढ़ के जंगलों में भी बाघ घूम रहे है। विश्व के जंगलों में बाघ सुरक्षित है या नहीं? यह तो पता नहीं, लेकिन छत्तीसगढ़ के जंगलों में बाघ सुरक्षित नहीं है। छत्तीसगढ़ में राज्य गठन के बाद अब तक 30 बाघों का शिकार किया गया है। पिछले 7 वर्ष में प्रदेश के जंगलों से 27 बाघ गायब हो गए है।

2016 में 46 बाघ होने का दावा

2014 की जनगणना में कुल 46 बाघ होने का दावा वन विभाग ने किया था। राज्य के जंगलों से पिछले 7 वर्ष में 27 बाघ गायब होने की जानकारी सामने आई है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को भेजी गई रिपोर्ट में वन विभाग ने मात्र 19 बाघ (International Tiger Day ) होने कही थी।

चौथा टाइगर रिजर्व बनाने की तैयारी

राज्य सरकार द्वारा 2019-2020 के दौरान बाघों (International Tiger Day ) का संरक्षण करने के लिए प्रोजेक्ट टाइगर योजना के तहत 13.86 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। पिछले 3 वर्षों में बाघों की संख्या प्रदेश में नहीं बढ़ी है। राज्य में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभयारण्य को मिलाकर नया टाइगर रिजर्व बनाया जाएगा। इसे मध्यप्रदेश के संजय डुबरी टाइगर रिजर्व से सटे गुरु घासीदास नेशनल पार्क एवं तमोर पिंगला अभयारण्य के 2829 वर्ग किलोमीटर में बनाया जाएगा। इसे बाघों के अनुकूल बनाने 26 करोड़ 80 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।