लखनऊ । मेडिलक साइंस में लखनऊ के डॉक्टरों ने इतिहास रचा है। लखनऊ स्थिति किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ने पहली बार दो जुड़े हुए जुड़वा (JUDWA) बच्चो को ऑपरेशन के जरिए अलग करके इतिहास रचा है। कुशीनगर की रहने वाली प्रियंका के दो जुड़े हुए जुड़वा बच्चे गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुए थे। गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज द्वारा रेफर करने के बाद लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में इनका सफल ऑपरेशन किया गया है।
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यूनवर्सिटी के इतिहास में पहली बार
यूनिवर्सिटी के कुलपति रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. विपिन पुरी ने बताया कि कोरोना के चलते पहले इन जुड़वा (JUDWA) बच्चों का ऑपरेशन नहीं हो पाया था। कुलपति ने दावा किया है कि यह किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के इतिहास में पहली बार हुआ है, जब दो जुड़वा बच्चों का ऑपरेशन किया गया, जिनकी छाती और पेट आपस में जुड़ा हुआ था। यह ऑपरेशन तकरीबन 7 से 8 घंटे चला। जिसका सारा खर्चा, गवनज़्मेंट की आयुष्मान भारत स्कीम का उपयोग करते हुए परिजनों ने किया।
8 घंटे तक चला ऑपरेशन
डॉक्टर के अनुसार ऑपरेशन के पूर्व हम लोगों ने इन बच्चों को बेहोश किया और सारी जांच की। जांच के बाद ऑपरेशन किया गया। ये ऑपरेशन तकरीबन 7 से 8 घंटे तक चला। जुड़वा बच्चों का लिवर जुड़ा हुआ था डायाफ्राम और पेरिकार्डियम भी जुड़ें हुए थे। इन सभी को ऑपरेशन करके अलग किया गया। इसके बाद बच्चों (JUDWA) को आईसीयू में रखा गया। बच्चे अब पूरी तरीके से स्वस्थ हैं।
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सामान्य जीवन जी सकेंगे बच्चें
इन बच्चों की मां प्रियंका का कहना है कि अब वह काफी खुश हैं कि उनके बच्चे भी समान बच्चों की तरह खेलकूद सकेंगे। जुड़वा बच्चों की मां प्रियंका ने आगे बताते हुए कहा कि वह कुशीनगर की रहने वाली है और जब गर्भवती थी तो ऑपरेशन के लिए गोरखपुर मेडिकल कॉलेज गई थी। जहां पर उनको जुड़वा बच्चे पैदा हुए थे। जिनके सीने से लेकर पेट तक दोनों भाग आपस में जुड़े हुए थे। वहां के डॉक्टर ने जवाब दे दिया था कि ऑपरेशन नहीं हो पाएगा। फिर मैं केजीएमयू के डॉक्टर जीडी रावत से मिली, उन्होंने मुझे उम्मीद की नई किरण दिखाई और कहा कि मैं आपके बच्चों को बचा लूंगा। मेरे दोनों बच्चों का नाम राम और श्याम है।