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कृषि कानून विरोध: किसानों को मायावती ने दिया सर्मथन, बोली कानून पर करे विचार

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दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों (AGRICULTURE BILL) के खिलाफ किसानों का आंदोलन रविवार को चौथे दिन भी जारी रहा। प्रदर्शनकारी किसान सिंधु और टिकरी बार्डर पर डटे हैं। किसान आंदोलन का आगे क्या रुख होगा, इसको लेकर रविवार को सुबह 11 बजे के करीब एक बैठक होगी। उसके बाद ही तय होगा कि किसान बॉर्डर पर डटे रहेंगे या सुरक्षित इलाके में जाएंगे।

दूसरी किसानों के आंदोलन को बहुजन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मायावती ने समर्थन दिया है। उन्होंने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा कृषि (AGRICULTURE BILL) से सम्बन्धित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित और आन्दोलित भी हैं। इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार अगर पुर्नविचार कर ले तो बेहतर।

गृहमंत्री की शर्त ठीक नहीं

वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अगर किसान चाहते हैं कि भारत सरकार उनसे जल्दी बात करे तो उन्हें आंदोलन के लिए निर्धारित जगह पर जाना होगा। जैसे ही किसान सिंधु और टिकरी बॉर्डर से हटेंगे, उसके दूसरे ही दिन भारत सरकार उनसे बातचीत के लिए तैयार रहेगी। गृह मंत्री के जवाब में किसान नेता जगजीत सिंह और शिवकुमार कक्का ने कहा है कि हम सरकार के साथ बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन शर्त नहीं होनी चाहिए। यह ठीक नहीं है।

 

कृषि कानून विरोध: भोजन-बर्तन लेकर पहुंचे किसान

टिकरी सीमा पर तो किसान कृषि कानून विरोध (AGRICULTURE BILL) भोजन पकाने के लिए बर्तन समेत रुकने की अन्य व्यवस्था भी साथ लेकर आए हैं। इस बीच, किसानों के आंदोलन के मद्देनजर सिंधु और टिकरी बॉर्डर बंद कर दिए जाने से शनिवार को दिल्ली में कई मार्गों पर यातायात प्रभावित रहा। दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया कि आजादपुर और बाहरी रिंगरोड से सिंधु बार्डर के लिए यातायात की अनुमति नहीं है।