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पार्किंग घोटाला: अफसरों की मिलीभगत 10 माह तक बस स्टैंड में बिना ठेका वसूला शुल्क, खुली पोल तो अफसर बचा रहे अपनी गर्दन

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दुर्ग। दुर्ग नगर निगम में अफसरों से मिलीभगत करके ठेकेदार ने बस स्टैंड (PARKING GHOTAALA) और इंदिरा मार्केट में 10 माह तक लाखों की उगाही की। शिकायत पर जांच हुई और ठेकेदार की पोल खुली तो अफसर उसे ब्लैक लिस्टेड करके कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे है। विभागीय अधिकारियों से जांच की इस कार्रवाई पर सवाल खड़ा हो रहा हैं।

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यह है पूरा मामला

नगर निगम (PARKING GHOTAALA)  द्वारा इंदिरा मार्केट मोटर साइकिल पार्किंग स्थल और नया बस स्टैंड पार्किंग स्थल के संचालन के लिए वर्ष 2019 में निविदा निकाली थी। जनवरी-फरवरी माह में ठेकेदार प्रमोद महोबिया को नया बस स्टैंड पार्किंग 7 लाख 45 हजार के अनुबंध में दिया गया था। ठेकेदार बलराम निर्मलकर को इंदिरा मार्केट पार्किंग का ठेका दिया गया था। बाजार विभाग द्वारा इंदिरा मार्केट वाहन पार्किंग ठेकेदार बलराम निर्मलकर को ठेका शुल्क 7 लाख 3 हजार रुपए में दिया गया था।

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उक्त राशि (PARKING GHOTAALA)  का 50 प्रतिशत जमा करवाकर अनुबंध कराना था और उसके बाद ठेकेदार गाडि़यों का शुल्क दुर्गवासियों से वसूलते। निगम के अधिकारियों ने अनुबंध राशि जमा नहीं करवाई और ठेकेदार 10 माह तक बाजार और बस स्टैंड आने-जाने वाले लोगों से पैसा वसूलते रहे। उक्त मामलें की पोल खुली तो निगम अधिकारी अपनी गर्दन बचाने के लिए ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड कर रहे हैं।

वसूली पर साधी चुप्पी

निगम के अधिकारियों ने ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड करके उनके द्वारा जमा की गई अमानत राशि 2 लाख 70 हजार रुपए जब्त कर लिया है। उक्त ठेकेदारों ने पिछले 10 माह में जितनी उगाही की, उक्त पैसों को वूसलने में अफसरों के हाथ पाव फूल रहे है। निगम अधिकारियों ने मामलें में चुप्पी साध रखी है और बयानबाजी करने से बच रहे हैं।