बलरामपुर। शराब के नशे में विवाद करने वाले पुत्र को समझाइश देना माँ को भारी पड़ गया। माँ की समझाइश से गुस्से में आकर कलयुगी बेटे ने माँ को जिंदा जला दिया। उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई है। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी (charged) की तलाश शुरू कर दी है। आरोपी(charged) का नाम छोटू केरकेट्टा बताया जा रहा है।
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यह है पूरा मामला
घटनाक्रम बलरामपुर के बरियो का है जहां आरोपी(charged) छोटू केरकेट्टा नामक युवक ने मंगलवार देर शाम अपनी माँ हलकन बाई केरकेट्टा को तब घर पर ज़िंदा जला दिया जबकि माँ ने शराब पीकर आने और घर में विवाद करने पर फटकार लगाते हुए रोकने की कोशिश की। गंभीर रुप से जली महिला को प्राथमिक उपचार के लिए बरियों अस्पताल लाया गया जहां उसकी हालत नाज़ुक देखते हुए उसे देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज भेजा गया। उपचार के दौरान वृद्धा की मौत हो गई।
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वैसे तो सरकार ने दीवाली पर शराब में प्रतिबन्ध लगा रखा था। जिससे लोगों का स्वास्थ्य भी सही रहे और किसी तरह की कोई घटना भी न हो। ज्ञात हो कि सरकार समय-समय पर नशे मुक्ति के लिए नए- नए कानून और नियम निकलते रहती है। लेकिन फिर भी शराब की लत ने लोगों को इस कदर जकड़ रखा है कि लोग नशे करने का तरीका कही न कहीं ढूंढ निकलते हैं।
लोगों को नशे से निजात दिलाने के कई सामाजिक संस्था ने नशामुक्ति केंद्र भी खोला है। साथ ही कई तरह के आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाइयां भी मार्किट में मिलती है। लेकिन जबतक नशा करना वाला खुद ही नशा नहीं छोड़ना चाहेगा तब तक कितने भी कड़े कानून नियम बन जाये वह व्यक्ति नशे से दूर नहीं जा पायेगा।
नशे की लत इतनी बुरी है कि व्यक्ति अपने रिश्ते नाते तक भूल जता है। नशे की हाल में उस व्यक्ति को न माँ दिखयी पड़ती न बहन। और इस बात का जीवंत उदहारण है बलरामपुर की यह घटना।