कोरिया। गुड मॉर्निंग सर…गुड मॉर्निंग बच्चों। आप कैसे हैं सर ? मैं बहुत अच्छा हूं और आप लोग कैसे हैं हम सब अच्छे हैं सर। यह वाक्या आज कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के चरचा कॉलरी स्थित प्राथमिक शाला के आकास्मिक निरीक्षण के दौरान हुआ।
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कलेक्टर लंगेह ने कहा कि यह कक्षा पहली है, आप में से कौन बच्चे एक से लेकर 50 तक की गिनती सुनाएगा। सर मेरा नाम गोपाल है मैं गिनती सुनाता हूं सर और इस तरह गोपाल बिना रूके गिनती सुनाया। कलेक्टर ने बच्चो से कहा किसको 2 का पहाड़ा याद है तो कक्षा के लगभग सभी बच्चों ने हाथ उठाकर हामी भरी और रवि नामक छात्र ने खड़ा होकर 2 का पहाड़ा सुनाया बल्कि 3 का पहाड़ा भी सुनाया।
इसी तरह छात्रा कुमारी अर्पिता ने ए से लेकर जेड तक अल्फाबेट आंख बंद करके सुनाया। कलेक्टर ने ब्लेक बोर्ड में जोड़ का सवाल लिखा तो कुमारी आरूषि चॉक लेकर सही उत्तर लिख दी। इस पर कलेक्टर ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि जितना जरूरी भोजन है, उतना ही जरूरी पढ़ाई-लिखाई भी साथ में खेलकूद भी करना चाहिए।
कलेक्टर ने कक्षा पांचवीं के तरफ रूख किया, वहां जाकर पूछा कि आप लोगों को कौन सा विषय अच्छा लगता है तो अधिकांश बच्चों ने गणित और हिन्दी विषय में रूचि बताया। छात्र रवि से अपने माता का नाम अंग्रेजी में लिखकर दिखाने कहा, इस पर रवि ने अपने माताजी का नाम लिखते समय स्पेलिंग गलत किया तब कलेक्टर ने कापी में सही लिखकर बताया।
छात्र शुभम को 16 का पहाड़ा सुनाने कहा तो वह बेधड़क पहाड़ा बिना रूके सुनाया और इस तरह कलेक्टर का दिल जीत लिया और ताली बजाने से नहीं रूके। लंगेह ने बच्चों से कहा घर जाने के बाद पुस्तक खोलकर जरूर पढ़ें, कापी में लिखते चले, अंग्रेजी को खूब ध्यान से पढ़ें।
मध्यान भोजन की देखी गुणवत्ता, चखा स्वाद
स्कूली बच्चों के लिए तैयार किए गए मध्यान्ह भोजन को कलेक्टर ने सेवन किया और गुणवत्ता भी परखी। लंगेह ने कहा कि प्रधानपाठक को निर्देशित किया कि रोजाना आने वाले खाद्य सामग्री का पंजी संधारण हो। पेयजल, शौचालय के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बीईओ को निर्देशित किया कि स्कूल में साफ-सफाई तथा गुणवत्तायुक्त भोजन ही तैयार करें।
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रसोइयों से कहा कि साफ बर्तन पर खान पकाए व परोसे खुद हाथ साफ रखें व बच्चों को हाथ साफ करके भोजन उपलब्ध कराएं। लंगेह ने उपस्थिति पंजी का अवलोकन करते हुए वहां उपस्थित प्रधानपाठक एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं से कहा कि छात्र-छात्राओं की कक्षा में नियमित रूप उपस्थिति दर्ज हो, इस पर उनके पालक/अभिभावकों से चर्चा कर स्कूल आने के लिए कहें तथा बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित करें।