spot_img

मंदिर में ऑनलाइन भातपूजा, सामने आया करोड़ों का घालमेल

HomeNATIONALमंदिर में ऑनलाइन भातपूजा, सामने आया करोड़ों का घालमेल

उज्जैन। मंगलनाथ मंदिर (MANGAL MANDIR) में आनलाइन भातपूजा कराने का मामला सामने आया है। आनलाइन वेबसाइट संचालक देशभर के श्रद्धालुओं से पूजन की बुकिंग कर लेते हैं। इसके बाद मंदिर के पुजारियों से उनका संपर्क कराते हैं। पुजारी आनलाइन संकल्प के माध्यम से पूजा अर्चना करा देते हैं। सामान्य से दिखने वाली इस प्रकिया में करोड़ों रुपये का घालमेल है। वेबसाइट संचालक व पुजारी मिलकर शासन, प्रशासन व भक्तों को लाखों रुपये का चूना लगा रहे हैं।

देश विदेश में रहने वाले श्रद्धालु शहर के मंदिरों में घर बैठे पूजा अर्चना करा रहे हैं। शहर कई लोग आनलाइन वेबसाइट संचालित कर रहे हैं, जो पूजा के लिए आनलाइन बुकिंग करते हैं। इसके बाद पूजा के अनुसार संबंधित मंदिर के पुजारियों से संपर्क कर पूजा अर्चना करा देते हैं।

भैयाजी यह भी देखे: क्वॉलिटी लाइफ के लिए 6,500 भारतीय देश छोड़ने की तैयारी में

वेबसाइट संचालक आनलाइन बुकिंग (MANGAL MANDIR)  में पूजा का मनमाना शुल्क वसूलते हैं। बाद में मंदिरों में निर्धारित शुल्क के अनुसार पुजारियों को भुगतान कर देते हैं। बची हुई राशि स्वयं रख लेते हैं। समय-समय पर महाकाल, हरसिद्धि, मंगलनाथ सहित अन्य मंदिरों से संबंधित वेबसाइटों का खुलासा हो चुका है। हालांकि शिकायतों के बावजूद अब तक प्रशासन इन फर्जी वेबसाइट संचालकों पर ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया है।

रसीद नहीं कटाने पर सामने आया मामला

मंदिर सूत्रों के अनुसार मंगलनाथ मंदिर में कुछ पुजारी लंबे समय से आनलाइन पूजा करा रहे हैं। पुजारी वेब साइट संचालकों से एक साथ कई श्रद्धालुओं की आनलाइन पूजा कराने का ठेका ले लेते हैं। इसके बाद मंदिर में एक रसीद कटवाकर भगवान को एक बार भात चढ़ाते है, उसी पूजा में संयुक्त रूप से समस्त श्रद्धालुओं के नाम व गोत्र का उच्चारण कर लिया जाता है। पूजन के बाद सभी को वीडियो सेंड कर पूजा संपन्न होने की जानकारी दे दी जाती है। कुछ श्रद्धालुओं को आनलाइन पूजन होते हुए भी दिखाया जाता है।

विवाद की यह वजह

सूत्र बताते हैं आनलाइन पूजा होने का खुलासा मंदिर प्रशासन व पुजारी (MANGAL MANDIR)  के बीच विवाद के बाद हुआ है। मंदिर प्रशासन का कहना है कि अगर आप चार लोगों के नाम से पूजा करा रहे हैं, तो भातपूजा की चार रसीद कटवाएं। जबकि पुजारियों का कहना है कि हम भौतिक रूप से भगवान को एक बार भातचढ़ा रहे हैं, फिर चार रसीद कैसे कटवाएं। नियमानुसार एक बार भातपूजा की एक रसीद कटेगी, उच्चारण भले ही हम सौ नामों का करें।

धर्म के नाम पर खेल

वेबसाइट संचालक व पुजारी मिलकर श्रद्धालुओं के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। वेबसाइट संचालक प्रत्येक भक्त से पूजा के लिए अलग-अलग राशि वसूल रहे हैं। इसके बाद पुजारियों को उनका हिस्सा दे देते हैं, पुजारी एक बार भात चढ़ाकर सब को वीडियो भेज देते हैं। प्रत्येक भक्त को बताया जाता है कि यह पूजा आपकी ओर से हुई है। इस प्रकार धर्म के नाम पर भक्तों के साथ ठगी की जा रही है। साथ ही सरकार को भी चूना लगाया जा रहा है।