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देश की जेलों का हाल बेहाल, क्षमता से 1.28 लाख अधिक कैदी बंद

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दिल्ली। देश की जेलों में उनकी क्षमता से एक लाख 28 हजार 425 कैदी ज्यादा बंद हैं। जेलों में 4 लाख 25 हजार 609 कैदियों को रखने की क्षमता है, जबकि 5 लाख 54 हजार 34 कैदी जेल में बंद हैं। गृहमंत्रालय द्वारा लोकसभा में ये जानकारी दी गई है कि देश के जेलों में 1410 दोष सिद्ध कैदी सजा पूरा करने के बाद भी जुर्माना की राशि का भुगतान नहीं कर पाने की वजह से जेल में बंद हैं।

जेलों में कैदियों को क्षमता से ज्यादा रखने के मामले में देश का सबसे बड़ा राज्य यूपी टॉप पर है। उत्तर प्रदेश में जेलों में कैदियों को रखने की क्षमता है 63751, जबकि हकीकत में यहां जेलों में कैदी हैं 117789. यानी क्षमता से 53038 कैदी ज्यादा जेलों में बंद हैं। दूसरे नंबर पर बिहार है, जहां 47750 कैदियों को जेल में बंद रखने की क्षमता है, जबकि उनकी कुल संख्या है 66879.यानी 19129 कैदी क्षमता से ज्यादा रखे गए हैं।

मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की जेलों का भी बुरा हाल

मध्यप्रदेश तीसरे नंबर पर है, जहां जेलों की कुल क्षमता 29571 है, जबकि कैदियों की संख्या 48513 है। यहां 18942 कैदियों को एक्स्ट्रा रखा गया है। इस क्रम में चौथे नंबर पर महाराष्ट्र का स्थान है, जहां 24722 कैदियों को जेल में रखने की क्षमता है जबकि असल में 36885 कैदी हैं। इसके आलावा क्षमता से जायदा कैदी रखने वाले राज्यों में असम, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल जैसे राज्य शामिल हैं।

यूपी के जेलों में कैदियों की संख्या लगभग दोगुनी

कैदियों को जेलों में रखने में असंतुलन बड़े राज्यों में ज्यादा है। यूपी के जेलों में कैदियों की संख्या तो लगभग दोगुनी हो गई है। महत्वपूर्ण बात ये है कि गृहमंत्रालय ने जो सूची जारी की है उसके मुताबिक यूपी में कुल 90606 कैदी जेलों में बंद हैं, जिसमें से 21942 अनुसूचित जाति के लोग हैं, जबकि अनुसूचित जनजाति कैटेगरी के 4657 कैदी जेलों में बंद हैं। यूपी के जेलों में बंद ओबीसी वर्ग के 41678 कैदी हैं। देशभर के 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में बंद विचाराधीन कैदियों पर जानकारी केंद्रीय गृहमंत्रालय ने लोकसभा में दी है।